69000 सहायक अध्यापक भर्ती (69000 Assistant Teachers) के लिए काउंसिलिंग के पहले दिन हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से लगी रोक ने सात साल पुरानी घटना फिर दोहरा दी

उत्तर प्रदेश में चल रही शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में पहले दिन की प्रक्रिया ठीक वैसे ही गुजरी जैसे कि 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती (72825 Assistant Teachers) गुजरी थी। अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुला लिया गया था, लेकिन पहले ही दिन हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने धांधली सहित अन्य आरोपों के चलते रोक लगा दी थी। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) को लेकर बाद में सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)गई थी और कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट (TET Merit) के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया था।





सात पुरानी घटना फिर दोहराई

बुधवार के दिन प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी अपनी काउंसलिंग के लिए बीएसए की तरफ से निर्धारित किए गए सेंटर पर पहुंच गए थे। कांउसलिंग के दो घंटे ही हुए थे कि तभी लखनऊ बेंच (Allahabad High Court) के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। उन्होंने यह रोक उत्तर कुंजी गलत होने के बाद अभ्यर्थियों की मांग पर लगाई है। उन्होंने यूजीसी (UGC) के एक्सपर्ट ने इन सवालों पर राय मांगी है। इस तरह से 69000 सहायक अध्यापक भर्ती (69000 Assistant Teachers) के लिए काउंसिलिंग के पहले दिन हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से लगी रोक ने सात साल पुरानी घटना फिर दोहरा दी।
यह ठीक उसी तरह से हुआ जैसे कि 4 फरवरी 2013 को एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर शुरू हुई काउंसलिंग पर रोक लगा दी गई थी। 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती (72825 Assistant Teachers) में चयनित अभ्यर्थी सेंटर पर पहुंच गए थे, लेकिन काउंसलिंग रोक लगाए जाने की वजह से वह मायूस होकर लौटे थे। हालांकि बाद में यही टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर टीईटी मेरिट (TET Merit) पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई।
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मायावती के समय निकली थी भर्ती

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की कमी को देखते हुए 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती (72825 Assistant Teachers) की निकाली गई थी। यह भर्ती उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में आरटीई के मानक को पूरा करने के लिए होनी थी। 30 नवंबर 2011 को मायावती सरकार (Mayawati Government) ने टीईटी मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती (72825 Assistant Teachers) शुरू हुई थी। इस भर्ती प्रक्रिया में धांधली की शिकायत की वजह से तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को फरवरी 2012 में जेल तक भी जाना पड़ा। इसी बीच उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए और सत्ता बदल गई। यूपी में आई सपा की सरकार (SPA Government) ने इस मामले जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने टीईटी मेरिट की बजाय इस भर्ती प्रक्रिया को एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति कराए जाने का निर्णय लिया और दिसंबर 2012 में एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती (72825 Assistant Teachers) नये सिरे से शुरू की गई।
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नवीन श्रीवास्तव की रिट पर लगी थी रोक


मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई।  4 फरवरी 2013 से सभी जिलों में काउंसिलिंग शुरू हुई। उसी दिन अभ्यर्थी नवीन कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य की तरफ से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एकेडमिक मेरिट पर हो रही भर्ती रोक दी थी। इसके बाद इस भर्ती प्रक्रिया पर लंबी कानूनी लड़ाई हुई और आखिरकार बाद में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर टीईटी मेरिट पर ही 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती (72825 Assistant Teachers) पूरी हुई। अब बिल्कुल ही वैसी स्थिति बनी है, जब हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर कुंजी में गलत उत्तर को लेकर रोक लगा दी है। हालांकि सरकार ने इस मामले को हाईकोर्ट की डबल बेंच में उठाने की बात की है।