69000 शिक्षक भर्ती : लिखित परीक्षा में 'तिवारी' और 'उपाध्याय' को ओबीसी (OBC) और 'गुप्ता' जी को एसटी (ST) बनाकर परिणाम घोषित

उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में परीक्षा नियामक प्राधिकरण और बेसिक शिक्षा निदेशालय ने बहुत ही अजीब खेल किए हैं। अध्यापकों की लिखित परीक्षा में 'तिवारी' और 'उपाध्याय' को ओबीसी (OBC) और 'गुप्ता' जी को एसटी (ST) बनाकर परिणाम घोषित किया है। यही नहीं, इन लोगों का चयन भी उसी वर्ग में हो गया है।
इसके अलावा कई ऐसे छात्र है जो कि सुपर टेट परीक्षा में फेल है, लेकिन इसके बाद भी उनका चयन हो गया है। पीएनपी (PNP) और बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से किए गए इस तरह के घालमेल से हजारों अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है। यही नहीं, विभाग की यह लापरवाही इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी अब सोशल मीडिया पर प्रयागराज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकरण पर सवाल भी उठा रहे हैं।

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अर्चना तिवारी बनीं ओबीसी और मिल गया गृहजनपद

वर्ष 2019 में हुई लिखित परीक्षा (69000 Assistant Teachers) में उम्दा अंकों के साथ में उत्तीर्ण होने वाली अर्चना तिवारी को उनका गृहजनपद मिल गया है। इसी के साथ में विभाग की तरफ से जिस तरह से लापरवाही की गई है, उस पर भी सवाल उठने लगे और शुक्रवार को उनका अंकपत्र भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर अर्चना तिवारी के अंकपत्र वायरल होने की असल वजह यह रही कि उन्होंने ओबीसी वर्ग (OBC) में परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब सभी हैरत में हैं कि नाम से ही जो अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की है उसका चयन ओबीसी वर्ग (OBC) में कैसे हो गया? बेसिक शिक्षा परिषद में किए गए आवेदन के बाद उन्हें गुणांक के आधार पर उनका गृह जिला आजमगढ़ आवंटित कर दिया गया है।

उधर, परीक्षा संस्था का कहना है कि अर्चना तिवारी ने जिस तरह अपना मूल आवेदनपत्र दाखिल किया था, उस समय उन पर ओबीसी (OBC) वर्ग दर्ज था, इसीलिए अंकपत्र में वही लिखा गया है। उन्होंने कहा कि अब अभ्यर्थी को काउंसिलिंग के समय ओबीसी (OBC) वर्ग का प्रमाणपत्र दिखाना होगा, तभी उन्हें नियुक्ति मिलेगी। अर्चना पुत्री जगदीश प्रसाद का लिखित परीक्षा में पंजीकरण संख्या 4900098460 व अनुक्रमांक 49490804207 रहा है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में अर्चना तिवारी ने 150 में से 114 अंक अर्जित किए हैं। अंकपत्र में उनका वर्ग ओबीसी लिखा हुआ है। एक जून को बेसिक शिक्षा परिषद ने उसे गृह जिला आजमगढ़ आवंटित भी कर दिया है, 69000 चयन सूची में उनकी रैंक 13520वीं रही है। ऐसे ही अब लोग लिखित परीक्षा में बेहतर अंक पाने वालों के ऐसे त्रुटि वाले अंकपत्र वायरल कर रहे हैं।
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'उपाध्याय' ओबीसी और 'गुप्ता' बने एसटी

मामला सिर्फ अर्चना तिवारी का ही नहीं उठ रहा है, ऐसे ही कई लोगों के सुपर टेट के अंकपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वायरल होने वाले अंकपत्रों में 'उपाध्याय' के ओबीसी (OBC)  और 'गुप्ता' के एसटी (ST) बनने पर सवाल उठ रहे हैं। इस तरह से 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा (69000 Assistant Teachers) में अब लगातार विसंगतियां सामने आ रही हैं। ऐसे ही विजय कुमार गुप्ता का चयन एसटी में हुआ है, जिन्होंने 150 में से 90 अंक प्राप्त किए हैं। यही नहीं, उन्हें जिला भी आबंटित कर दिया गया है। इस वर्ग में पास होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कम थी, इस लिहाज से उनका भी चयन गृह जनपद में पक्का है।
 विजय कुमार गुप्ता का रजिस्ट्रेशन नंबर 3500067193 और रोल नंबर 35353517351 रहा है। ऐसे विवेक उपाध्याय का चयन भी ओबीसी वर्ग में हुआ है। इसी तरह से सहायक अध्यापक भर्ती की परीक्षा में राहुल उपाध्याय ने ओबीसी वर्ग से परीक्षा पास की है। उन्होंने कुल 110 अंक अर्जित किए हैं। उनका रंजिस्ट्रेशन नंबर 2800013972 और रोल नंबर 28281005714 है। अब इन्हें भी काउंसलिंग के समय में अपना संशोधन का आवेदन पत्र देना होगा।
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टाइटल ने ही जाति प्रतीक होने के बाद भी कैटेगरी अलग होने के मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि अभ्यर्थी ने शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) के आवेदन के समय ही गलत फार्म भर दिया था। अब परिणाम आने के बाद अब वह परीक्षा संस्था पर अभ्यर्थी गलती मढ़ने की कोशिश हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी रिजल्ट आने के बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के पास चक्कर लगा रहे थे कि उन्हें आवेदन में संशोधन की अनुमति दी जाए। उन्होंने बताया कि इस तरह के वायरल हो रहे अंकपत्रों की जांच काउंसलिंग के समय हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि काउंसलिंग के समय ऐसे लोगों को अपनी जाति का प्रमाणपत्र दिखाना होगा। अगर वह प्रमाणपत्र दिखाने में असमर्थ रहते हैं, तो ऐसे अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया जाएगा।



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अब काउंसिलिंग में नियुक्ति पर निर्णय

अंकपत्रों में त्रुटि से लेकर अंकों को भरने में जिस तरह की त्रुटि की गई है, उसका संज्ञान अब काउंसलिंग के समय लिया जाएगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने कहा कि लिखित परीक्षा (69000 Assistant Teachers) के लिए किए गए मूल आवेदन के आधार पर ही चयन किया जाएगा। उन्होंने अर्चना के मामले में कहा कि अर्चना के आवेदन पत्र में ओबीसी वर्ग ही लिखा है इसीलिए उसका अंकपत्र उस वर्ग का जारी हुआ है। यह वर्ग विशेष का मामला है।
उन्होंने कहा बताया कि शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) का साफ्टवेयर इस तरह का था कि यदि कोई अभ्यर्थी जन्म तारीख व शैक्षिक सूचनाएं गलत दर्ज करेगा तो वह आवेदन स्वीकार नहीं होगा लेकिन, अभ्यर्थी का वर्ग उसमें नहीं जांचा जाना था, बल्कि अभ्यर्थी ने जो सूचना आवेदन में दर्ज की है, काउंसिलिंग के समय में उससे वही दिखाना होगा, तभी अंतिम रूप से चयन होगा। उन्होंने कहा कि वायरल हो रहे अंकपत्रों में हमारी तरफ से किसी भी तरह की कोई विसंगति नहीं है।
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अभ्यर्थियों को त्रुटि का मिलेगा मौका

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने गुरुवार को शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) के ऑनलाइन आवेदन में संशोधन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अपना सही आवेदन भरा नहीं आता है, ऐस लोग शिक्षक बनने लायक नहीं है। कोर्ट का कहना था कि आवेदन में सुधार का अवसर नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इसका बेजा इस्तेमाल करेंगे और पकड़े जाने पर मानवीय भूल बताएंगे।

वहीं, शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज प्रकाश पाडिया ने याची पिंकी को राहत दी है। ओबीसी वर्ग में चयनित हुई पिंकी के आवेदन में हुई त्रुटि को सुधारने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची काउउंसलिंग के समय अपना प्रत्यावेदन दे और कमेटी उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उचित निर्णय ले सकती है। अधिवक्ता सीमांत सिंह की बहस के बाद उन्होंने यह निर्णय दिया है। पिंकी ने सुपर टेट में 150 में से 108 अंक हासिल किए हैं। जब शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) का ऑनलाइन आवेदन किया था, उस समय मानवीय त्रुटि की वजह से उनका रोल नंबर गलत भर गया था, जिस पर बेसिक शिक्षा निदेशालय की 1981 की नियमावली के तहत ही राहत दी गई है।