एक आम याची की मार्मिक अपील जो बार बार हमारे पास आ रही है-----------
यदि शर्म बची हो तो नौकरी के लिए लड़ो कुत्तों की तरह फेसबुक पर मत लड़ों।।।।।
आज यह कहने में कोई गुरेज नहीं संघर्ष 7/12/2015 तक बहुत सार्थक था , उसके बाद सिर्फ सेल्फिबाजी व मै मै की काल्पनिक परिकल्पना.......
यदि शर्म बची हो तो नौकरी के लिए लड़ो कुत्तों की तरह फेसबुक पर मत लड़ों।।।।।
आज यह कहने में कोई गुरेज नहीं संघर्ष 7/12/2015 तक बहुत सार्थक था , उसके बाद सिर्फ सेल्फिबाजी व मै मै की काल्पनिक परिकल्पना.......