परिषदीय स्कूलों में तबादला होकर आए शिक्षकों की
ज्वाइनिंग फंस गई है। शहरी क्षेत्र में आवासीय भत्ता देने के लिए करीब दो
करोड़ रुपये के बजट की जरूरत पड़ेगी। लिहाजा लेखा विभाग के अधिकारियों ने
हाथ खड़े कर दिए हैं क्योंकि अगर वेतन जारी करते हैं तो उनकी मुश्किलें बढ़
जाएंगी। उधर, खंड शिक्षाधिकारियों से स्कूलों पर पद सृजन और तैनाती की
सूची मांगी गई है। शासन स्तर पर भी समायोजन की तैयारी चल रही है।
चरगांवा और खोराबार ब्लॉक के स्कूलों का मामला
ज्यादा फंसा है। यहां करीब 200 शिक्षकों ने शासन स्तर से तबादला आदेश हासिल
कर लिया है। कुछ ने ज्वाइनिंग भी कर ली है लेकिन कुछ शिक्षकों का मामला
फंस गया है। शिक्षकों के वेतन को लेकर शिक्षक नेताओं ने दबाव बनाना शुरू कर
दिया है। लेकिन अधिकारियों ने साफ मना कर दिया है। खंड शिक्षाधिकारियों को
इस मामले में पत्र जारी किया गया है कि वे स्कूलवार शिक्षकों के पद और
वर्तमान तैनाती की स्थिति बताएं और अगर किसी की तैनाती करानी है तो नोटिंग
लगाकर भेजें। इस मामले को लेकर शनिवार को शिक्षक नेताओं और अधिकारियों में
कहासुनी भी हुई।
चरगांवा और खोराबार के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का संतुलन बिगड़ा है। सृजित पद से अधिक शिक्षक तैनात हैं। शासन स्तर से स्कूलों में शिक्षकों के पद और तैनाती का विवरण एक फार्मेट पर मांगा गया है। इसी क्रम में सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। शासन से निर्देश मिलते ही समायोजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- ओम प्रकाश यादव, बीएसए
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चरगांवा और खोराबार के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का संतुलन बिगड़ा है। सृजित पद से अधिक शिक्षक तैनात हैं। शासन स्तर से स्कूलों में शिक्षकों के पद और तैनाती का विवरण एक फार्मेट पर मांगा गया है। इसी क्रम में सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। शासन से निर्देश मिलते ही समायोजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- ओम प्रकाश यादव, बीएसए
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