बैंक जा रहे हैं तो ये बातें रखें ध्यान वरना होगी आपको मुश्किल

1000-500 के नोटों पर पाबंदी की स्थिति ने आम और खास को बैंक की ओर रुख करने को मजबूर कर दिया है। सिर्फ बैंक नहीं जाना है, लाइन में लग कर अपनी बारी का कई घंटे इंतजार करना है। यदि आप तैयारी के साथ
घर से नहीं निकले तो मुश्किल हो सकती है।
अग्रणी जिला प्रबंधक पंकज सक्सेना ने इस विषय पर लोगों यह सुझाव दिए हैं:

-आईडी प्रूफ और उसकी फोटोकॉपी जरूर साथ ले जाएं, अन्यथा आप ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे

-आईडी प्रूफ के लिए सबसे बेहतर आईडी आधार है। इसके अलावा कई अन्य विकल्प भी हैं

-संभव हो तो फार्म पहले ही ले आएं और इसे घर से भर कर ले जाएं। आपकी परेशानी बचेगी

-जो नोट बैंक में जमा करने जा रहे हैं, उनके पीछे चेक कर लें कि 2005 से पुराने तो नहीं

ऐसे भरा जाएगा फार्म

सबसे ऊपर बैंक का नाम, फिर ब्रांच का नाम डालना होगा। इसके बाद अपना नाम लिखना होगा। इसके बाद एक कॉलम आईडी प्रूफ का होगा। इसमें आधार सहित कई विकल्प हैं। निशान लगाई गई आईडी का नंबर कॉलम में लिखना होगा। इसके बाद दिए जाने वाले नोटों का विवरण। मसलन 500 के कितने और 1000 के कितने नोट हैं। अंत में हस्ताक्षर और तारीख-जगह लिखनी है।

यह आईडी आएगी काम

500 और 1000 रुपए के नोट जमा करने के लिए आईडी के रुप में आधार कार्ड, पैन कार्ड , वोटर आईडी कार्ड, बैंक आईडी, पोस्ट ऑफिस आईडी आदि का आप इस्तेमाल कर सकेंगे।

टैक्स का गणित भी ध्यान रखें

सीए दीपेन्द्र मोहन ने बैंक में 500-1000 के नोट जमा कराने जा रहे लोगों से टैक्स का गणित ध्यान रखने का सुझाव दिया है। उनके अनुसार यदि लोग बिना हिसाब किताब के यह नकदी जमा करा देंगे तो उनको आगे मुश्किल आ सकती है। आयकर विभाग उनके ऊपर कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने इन बातों को ध्यान रखने को कहा है

-आठ नवंबर को व्यापार से मिली नकदी का विशेष ध्यान रखें। खातों में जो नकदी आ रही है, वही राशि जमा करने के लिए मान्य होगी।

-सरकार की तरफ से जारी सूची के इतर यदि किसी ने नकदी में 500-1000 के नोट लिए हैं, वे उनको जमा नहीं कर सकते हैं।

-गृहणियां के साथ ही वे लोग जो आयकर रिटर्न फाइल नहीं करते, उनको अधिकतम ढाई लाख जमा करने की ही अनुमति है।

- बैंक खाते में वहीं नकदी जमा करें जिसका स्रोत साबित कर सकें। ऐसा न करने की स्थिति में आपको पेनल्टी भरनी पड़ सकती है।

- ध्यान रखें 2.5 लाख से ज्यादा जमा की जानकारी आयकर को जाएगी। रिटर्न से मिलान होगा। विसंगति की स्थिति में कार्रवाई होगी।

बढ़ने लगा प्लास्टिक मनी का उपयोग
दिक्कत से बचने के लिए लोगों ने कार्ड के जरिए खरीदारी शुरू कर दी है। कुछ लोग ऑनलाइन भुगतान कर रहे हैं। एक बैंक के प्रबंधक ने बताया कि मौके की नजाकत देखते हुए प्लास्टिक मनी का उपयोग बढ़ने लगा है। दो दिन के अंदर इसमें दस फीसदी की वृद्धि हुई है।

नहीं मिली नोट बदलने की सुविधा

शहर की कई बैंकों में 500-1000 के नोट जमा तो किए गए, लेकिन लोगों को नोट बदलने की सुविधा नहीं मिली। यहां लोगों को अगले दिन आने को कहा गया। किसी शाखा में स्टाफ की कमी का कारण कहा तो कहीं करेंसी न होने का रोना रोया गया।

सर्वर डाउन, पब्लिक का पारा हाई

गुरुवार को लोगों की जबरदस्त भीड़ झेल रहे बैंकरों को तकनीक संबंधी मुसीबत का सामना करना पड़ा। कुछ शाखाओं के लिंक जवाब दे गए। इससे लाइन में लगी भीड़ का पारा बढ़ गया। गनीमत रही कि कनेक्टिविटी वापस मिलने में अधिक समय नहीं लगा।

छुट्टी में भी खुलेंगे बैंक

ध्यान रखिए बैंकिंग सेवा शनिवार और इतवार को भी मिलेगी। कुछ निजी बैंकों ने रात आठ बजे तक शाखा खोलने को कहा है। इसमें आईसीआईसीआई बैंक भी शामिल हैं। सरकारी बैंकों ने सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक का समय दिया है।

फैक्ट्री में नहीं बंटे हफ्ते

कई इकाइयों में इस बार कर्मियों को हफ्ता (साप्ताहिक मजदूरी) को नहीं मिल सका है। वहीं कुछ इकाइयों में एडवांस मांग रहे कर्मियों को मनाही हो गई है। इसको लेकर आक्रोश की स्थिति है। कुछ कर्मचारी संगठनों ने तो इस मसले पर हड़ताल की धमकी दे दी है।

निर्यात इकाई मुश्किल में

जनपद की कई निर्यात इकाइयों में बड़े आर्डर संकट में आ गए हैं। इकाई संचालकों को डर है कि समय से खेप रवाना नहीं की तो उनका आर्डर कैंसिल हो जाएगा। कर्मचारियों को उनकी मांग के अनुसार भुगतान न किए जाने की वजह से यह स्थिति आई है।

निकासी की लिमिट पर सवाल

अधिवक्ता अनिल वर्मा ने बैंक से नकद निकासी की दस हजार की लिमिट और हफ्ते में 20 हजार की अनुमति पर सवाल उठाया है। उनके अनुसार नौकरी पेशा, दैनिक वेतन भोगी, व्यापारी और उद्यमी को एक ही मापदंड पर क्यों रखा गया है। सबकी जरुरत अलग है।

सरकार अपने वायदे के अनुसार गुरुवार को बैंक शाखाओं में नए नोट नहीं पहुंचा सकी। बेकरारी से पांच सौ और दो हजार के नए नोट का इंतजार कर रहे लोगों को निराशा हाथ लगी। एक बैंक के प्रबंधन ने बताया कि नए नोट शुक्रवार शाम तक ही आ सकेंगे।

भुगतान में सिक्के भी शामिल

जनपद की कई शाखाओं में नोट न होने की वजह से सिक्कों को भी भुगतान में दिया गया। बड़ी मुश्किल से घंटों लाइन में लग कर काउंटर पर पहुंचे व्यक्ति को जब यह पेशकश की गई, एकबारगी तो वह चौंके। फिर मजबूरी में दस रुपये के सिक्के लेने पर हामी भर दी।
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