बेसिक शिक्षा मंत्रालय शीत के आगमन से पूर्व ही जड़ता में क्योंकि कोर्ट की तारीख नहीँ है ! : गणेश दीक्षित

सरकार का बेसिक शिक्षा मंत्रालय शीत के आगमन से पूर्व ही जड़ता में आया प्रतीत होता है क्योंकि कोर्ट की तारीख नहीँ है ! जिलों में पदस्थ बीएसए अपने उच्चाधिकारियोँ के आदेशोँ की पूर्णतः अवहेलना कर रहे हैं या अपने मनमुताबिक आंशिक पालन कर रहे हैं , क्योंकि कोर्ट की तारीख नहीँ है !
अध्यापक और विद्यार्थी त्रस्त हैं क्योंकि उनकी पुस्तकें अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद भी पूरी नहीँ मिल पायी हैं ,
बीआरसी से लेकर scert सचिव और beo/bsa से लेकर सचिव/डाइरेक्टर तक मस्त सब मस्त हैं ,क्योंकि कोर्ट की तारीख नहीँ !
बीआरसी /bsa दफ्तरों में अध्यापकों से उनके वेतन लगवाने से लेकर एरियर लगवाने तक के लिये खुलेआम रिश्वतखोरी नामक लूट आम हो गयी है और कार्यवाई हो रही है अध्यापकों पर !
कोई बताये की कभी मंत्री जी ने आदेशों की शिथिलता के लिये अमुक सचिव या अमुक डाइरेक्टर को निलम्बित करने का आदेश दिया हो या
सचिव / डाइरेक्टर ने किसी जिले के bsa/beo/ लेखाधीकारी को निलम्बित किया हो !
या किसी अधिकारी ने किसी बीआरसी का औचक निरीक्षण कर उपस्थिति इत्यादि पत्रक देखे हों !
पर शिक्षकों के निलम्बन से लेकर उनके खिलाफ माहौल तैयार करने को सब त्वरित हैं !
पर शायद नादानी भरी समझ है ,जो इतना भी नहीँ जानती की यदि शिक्षक अकर्मण्यता को वरण कर लेगा उसी दिन सब रसातल में चला जायेगा ।
पर अब लोगों को मानना पड़ेगा ,बदलना पड़ेगा ,काम करना पड़ेगा जिसके लिये ही उन्हें वेतन मिल रहा है ,काम भी होगा पर सार्थक ,कोई खानापूर्ति या बहानेबाजी नहीँ चलेगी अब ।
बदलाव का दौर है और बेसिक को बदलने की प्रतिज्ञा है ,
और हमारे समर्थन में केवल हमारी न्यायव्यवस्था है क्योंकि हम सत्य,शील,न्याय के अनुगामी हैं जो पथ हमें न्याय के मंदिर से होता हुआ परमपिता परमात्मा के द्वार तक ले जाता है ।
बेराजगारों की पीड़ा को नज़रंदाज़ करके कोई भी शासन यशस्वी नहीँ हो सका है , भूखे की हाय और बद्द्दूआओं की शक्ति बड़े-बड़े सम्राटों को जमींदोज कर चुकी है ,इतिहास गवाह है , पूर्णतः सत्य और शाश्वत नियम है ये ।
इसी तरह भ्रष्टाचार और अनाचार से धन अर्जित करनेवाला भी शीघ्र ही पतन को प्राप्त हो जाता है और अपने कुकर्मों से अपनी पीढियों को नरक का भोगी बना जाता है ।
पर ये सब दार्शनिक बातें मृत्युपर्यन्त दण्ड की बात करतीं हैं पर लौकिक रूप में तो इन भ्रष्टाचारियों को यहीं दण्ड का विधान है और इन्हें यहाँ तक हम ही पहुचायेँगे ।
हम कटिबद्ध हैं की देश के सबसे महत्वपूर्ण विभाग अर्थात बेसिक शिक्षा से भ्रष्टाचार ,अकर्मण्यता को हटाकर रहेंगे ।
हमने कई बार मंत्रीजी से लेकर सचिव साहब /डाइरेक्टर साहब सभी से अनुरोध किया , आश्वासन मिला पर कार्यवाई नहीँ हुई या हुई भी तो अत्यंत अल्प और मंथर ,केवल रस्मअदायगी भर ।
यहाँ तो बेसिक शिक्षा विभाग पूर्णतः केँसरग्रस्त हो चुका है ,बड़े ऑपरेशन की नितांत आवश्यकता है पर उक्त सक्षम प्राधिकारी अक्षम प्रतीत होते हैं इसलिये अब हमें न्याय के मंदिर में जाना पड़ रहा है ,हमें सदैव वहीँ से मिला जो मिला अन्यथा तो हम इन भ्रष्टाचारियों के लिये दुश्मन सरीखे हैं ।
हमारी टीमें लगी हुईं हैं ,जल्द ही आपको बहुत बड़े परिवर्तन नज़र आयेंगे ,बड़े-बड़े पद और नाम वाले पदविहिन होकर जेलों में होंगे ,वादा है ।
आश्वस्त रहिये ,विजय आपकी होगी क्योंकि आप न्यायनुगामी हैं ।
आप इसी तरह हर जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी/ कर्मचारीयों की कारगुजारियों को हम तक पहुंचाते रहिये , जल्द ही सकारात्मक परिणाम आने वाले हैं । बाकी आप समझदार हो ही और समझदार को इशारा काफी है ।
17 को कोर्ट की तारीख है !
शेष फ़िर....
सन्घेय शक्ति सर्वदा ।
जय हिन्द जय टीईटी ॥
आपका - गणेश शंकर दीक्षित
टीईटी संघर्ष मोर्चा,उ.प्र.
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