Wednesday 11 January 2017

बिना दंड शिक्षा: विशेष लेख अध्यापक जरुर पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया दें

बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड दिया जाना उचित नहीं होता। जो शिक्षक यह समझते हैं कि इससे बच्चा पढ़ने लगेगा वे वास्तव में भ्रम में हैं। कई शोधों से यह प्रमाणित हो चुका है कि शारीरिक दंड से बच्चों में पढ़ाई के प्रति अरुचि ही बढ़ती है।
बड़ी संख्या में बच्चे शारीरिक उत्पीड़न के कारण विद्यालय जाना ही छोड़ देते हैं। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है। हमारी शिक्षा प्रणाली में कई विकार हैं। मसलन शिक्षक बनने जा रहे नवयुवकों को प्रशिक्षण के दौरान बताया जाना चाहिए कि छोटे-छोटे बच्चे प्यार की भाषा समझते हैं। जो चीज प्यार से आसानी से उन्हें समझायी जा सकती है उसके लिए दंड का इस्तेमाल क्यों? दरअसल किसी को शिक्षित करना बेहद धैर्य का काम है। एक अच्छा अध्यापक वही साबित हो सकता है कि जिसके मन में अथाह धैर्य हो। आजकल की पीढ़ी में धैर्य बिलकुल भी नहीं है। वह हर चीज तुरंत बिना मेहनत के पा लेना चाहती है।1आजकल के शिक्षकों का भी यही हाल है। वे चाहते हैं कि नौनिहालों को जो वे एक बार बताएं वे तुरंत उसे ग्रहण कर लें। वे अपना बचपन भूल जाते हैं। यह भी भूल जाते हैं कि वे भी तो कोई चीज एक बार में नहीं समझ पाते थे। उनके गुरु जी को बार-बार उसे बताना पड़ता था। बच्चे तो मिट्टी के घड़े के समान होते हैं। उन्हें हम प्यार से ढालेंगे तो उनका बेहतर विकास होगा अन्यथा वे स्कूल छोड़कर घर बैठ जाएंगे। न जाने कितनी घटनाएं सामने आई हैं जिसमें पता चलता है कि बच्चे ने अध्यापक के बर्बर व्यवहार की वजह से स्कूल जाने से मना कर दिया है। कई बार बच्चों के मन में इस कदर भय बैठ जाता है कि वे मानसिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। उनका करियर दांव पर लग जाता है। शिक्षक ों का मूल दायित्व छात्र-छात्रओं के जीवन को ज्ञान के माध्यम से संवारना होता है पर क्या वे पूरी ईमानदारी से अपने कार्यो को निभा पा रहे हैं? शिक्षक को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। सरकार को शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए और गुरु-शिष्य के संबंध को मजबूत करने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव लाना चाहिए। बदले पाठ्यक्रम में इस संबंध में प्रशिक्षण अवश्य दिया जाना चाहिए कि कैसे बिना दंड छात्र-छात्रओं को विषय के प्रति आकर्षित किया जा सकता है, तभी शिक्षकों की मेहनत सार्थक होगी।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
发表于 /