7th Pay Commission: केंद्रीय कार्मिकों ने याद दिलाया सातवें वेतनमान का वादा

लखनऊ : केंद्रीय मंत्रियों के समूह ने सातवें वेतनमान को लेकर जो वादे किए थे, केंद्रीय कर्मचारियों ने अब केंद्र सरकार को उन्हीं वादों की याद दिलाई है। मंत्रियों ने तब चार महीने में अपेक्षित सुधार करने की बात कही थी, लेकिन अब छह महीने बीतने के बाद कर्मचारी निराश और नाराज हैं।
मंगलवार को केंद्रीय कर्मचारियों ने अलीगंज स्थित केंद्रीय भवन में धरना देकर 16 मार्च को एक दिन की हड़ताल करने की चेतावनी दी है।1केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के बैनर तले आयोजित धरने के दौरान सभा को संबोधित करते हुए महासचिव जेपी सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों के संबंध में केंद्र सरकार के उपेक्षापूर्ण व हठधर्मितापूर्ण रवैये के कारण केंद्रीय कर्मचारी हड़ताल पर जाने को विवश हो रहे हैं। जेपी सिंह ने बताया कि 30 जून को केंद्रीय मंत्रियों के समूह ने केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों के प्रतिनिधिमंडल को सातवें वेतनमान की संस्तुतियों में चार महीने के भीतर अपेक्षित सुधार का आश्वासन दिया था। सभा में आयकर, पोस्टल सिविल एकाउंट्स, जीएसआइ, केंद्रीय भूजल बोर्ड व जनगणना सहित अन्य केंद्रीय कार्यालयों के कर्मचारी मौजूद थे।1कर्मचारी नेताओं ने सातवें वेतनमान से संबंधित न्यूनतम मजदूरी व फिटमेंट फामरूला लागू करने की मांग की। साथ ही नई पेंशन नीति के रद करने, दयामूलक नियुक्तियों में लागू पांच फीसद सीलिंग को हटाने, ग्रामीण डाक सेवकों को सिविल सर्वेट का दर्जा देने और इसी अनुसार वेतन-भत्ते व पेंशन का निर्धारण किए जाने की भी मांग की गई। 1समिति के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने आंदोलन को तेज धार देने की बात कही। धरने में एसबी यादव, एसपी मिश्र, संजय पाण्डेय, गौरव प्रकाश व विक्रम शाह सहित अन्य शामिल थे।

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