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अफसरों की सुस्ती शिक्षकों पर भारी, शिक्षकों को प्रति माह ढाई से तीन हजार रुपये आर्थिक नुकसान

इलाहाबाद : शिक्षा अफसरों की सुस्ती शिक्षकों के प्रमोशन मे बाधा बनी हुई है। वरिष्ठता सूची जारी नहीं होने से शिक्षकों को प्रति माह ढाई से तीन हजार रुपये आर्थिक नुकसान हो रहा है। पदोन्नति की मांग को लेकर कई बार शिक्षक नेता धरना प्रदर्शन व ज्ञापन शिक्षा अफसरों को सौंप चुके हैं।
दरअसल कई ब्लाकों में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे चल रहे हैं, जबकि जिले में तीन सौ शिक्षक वरिष्ठता के क्रम में हैं। प्रमोशन की सूची जारी नहीं होने से इन्हें लाभ नहीं मिल रहा है। शिक्षा विभाग का नियम हैं कि तीन वर्ष की सेवा हो जाने पर अनुभव के आधार पर शिक्षक का प्रमोशन हो जाना चाहिए। किंतु, इस दिशा में पहल नहीं होने से प्रमोशन बाधित है। प्रमोशन के बाद वरिष्ठता सूची में आने वाले प्राइमरी के हेड को जूनियर में सहायक और जूनियर के सहायक को प्राइमरी का हेड बनाए जाने का नियम है। 4200 ग्रेड पे के बजाय पदोन्नति होने पर 4600 ग्रेड पे हो जाएगा। इधर, प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कई बार वरिष्ठता सूची में आने वाले शिक्षकों की सूची जारी करने और प्रमोशन की मांग को लेकर बीएसए से वार्ता की जा चुकी है। शिक्षकों को आश्वासन देकर चलता कर दिया जाता है। विगत दिनों उन्हें चेतावनी दी गई थी कि जल्द ही विभिन्न ब्लाकों के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी नहीं करने पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। वहीं, उप बेसिक शिक्षा अधिकारी अजरुन सिंह ने बताया कि नवंबर माह में वरिष्ठता सूची में आने वाले विभिन्न ब्लाक के शिक्षकों का प्रमोशन किया गया था। तीन दर्जन से अधिक ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने प्रमोशन होने के बाद भी आवंटित स्कूल नहीं ज्वाइन किए।

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