नमस्कार मित्रों , शिक्षक भर्ती को लेकर हिन्दुस्तान के सबसे अधिक विवादित केस की तारीख नजदीक है जिसे लेकर अनायास ही अपने-अपने माध्यम से विभिन्न कार्यों में समस्त गुट लगे हुए हैं, जिन पर हमारी भी नजर है |
बहरहाल इस पर टिप्पणी करना हमारे हक़ में नहीं है कि आखिर विधिक अनुसार निर्णय देने में कौन सी मजबूरी है न्यायपालिका के समक्ष परन्तु इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ पैरवीकारों ने भी इस केस को यहाँ तक लाने में कोई कसार नहीं छोड़ी है |
फिलहाल बात की जाए आगे की :-
*72825 टेट मेरिट पर अंतरिम आदेश के तहत
*लगभग एक लाख अकादमिक मेरिट पर खंड पीठ द्वारा दिए गए आदेश के विरूद्ध भी नौकरी पर
*लगभग डेढ़ लाख शिक्षा मित्र पूर्ण पीठ के आदेश के विरूद्ध
सभी मामले लगे हैं 22 फ़रवरी को होने वाली पूरे दिन के सुनवाई में |
अब बात करते हैं शिक्षा मित्रों की तरफ से होने वाली पैरवी की :-
साथियों शिक्षा मित्र संगठन ऐसे ही नहीं मा० सर्वोच्च न्यायालय के समस्त वरिष्ठ अधिवक्ताओं को हायर कर लेते हैं , ये आप सोचें कि वे ऐसा क्यूँ कर पा रहे हैं ?
आपकी इस टीम ने एक बार आपको याची बनाने के लिए या तत्पश्चात आपके द्वारा दिए गए फॉर्म को अधिवक्ता को उपलब्ध कराने के अलावा आजतक आपसे धन की मांग नहीं की है परन्तु ग्लानी होती है कुछ ऐसी मानसिकता के लोगों के कमेन्ट देखकर कि इस बार फला अधिवक्ता कीजिये और इस बार ये अधिवक्ता करिए जबकि देखा गया है कि कुछ टीम तारीख से पहले मीटिंग करके पैरवी के लिए धन एकत्रित करती हैं तब आपके लिए अधिवक्ता का जुगाड़ करती हैं जबकि हम अनावृत उसी पैसे से आपके लिए अधिवक्ता मुहैया कराते आये हैं |
यहाँ एक बात का उल्लेख अति-आवश्यक है कि संयुक्त मोर्चे या एका दिखाकर भी जो सब्ज-बाग़ आम याचियों को सोशल मीडिया पर दिखाए जाते हैं वे दिल्ली जाकर बदल जाते हैं तो उस पर भी मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता हूँ कि ऐसा क्यूँ होता है उसके लिए बस इतना ही जवाब है कि हम लोग अधिक पढ़े-लिखे हैं और शिक्षा मित्र शायद आपसे कुछ कम (टेट पास नहीं है) |
फिलहाल की स्थिति का आंकलन किया जाए तो 22 फ़रवरी को होने वाली सुनवाई अति-महत्वपूर्ण इसलिए है क्यूंकि उस दिन केवल हमारा ही केस लगा है और महादेव से ये ही प्रार्थना है कि 17 नवम्बर के आदेश में उल्लेखित पंक्तियों के आधार पर केवल अपना ही केस लगे और इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि केस अनावृत तीन-चार दिन चलकर समस्त मुद्दों पर सुनवाई हो चाहे उसमे टेट-अकादमिक का मुद्दा हो या टेट-नॉन टेट का या शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण का क्यूंकि जब तक ये मुद्दे निस्तारित नहीं होंगे तब तक हम मा० न्यायमूर्ति चंद्रचूड साहब के द्वारा उल्लेखित पूर्ण पीठ के आदेश की पंक्तियों के सहारे :-
Admittedly, all the petitioners were qualified to apply for and be considered for appointment as Assistant Teachers. Their right of consideration was clearly affected and is in fact eclipsed by the absorption of Shiksha Mitras.
अपने नियुक्ति के लिए आदेश नहीं करवा सकते हैं और यहाँ ये बताना आवश्यक है कि बीएड भर्ती स्पेशल प्रावधान के अनुसार है जो कि उपरोक्त पंक्तियों के सहारे ही है कि याचियों का हित शिक्षा मित्रों के समायोजन की वजह से प्रभावित हुआ है |
मित्रों , उपरोक्त विषय पर समस्त प्रतिनिधियों से जल्दी वार्ता की जाएगी और एक प्रयास रहेगा कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं को किया जाए जो कि आपके सहयोग के बिना संभव नहीं है परन्तु इस मुद्दे पर गहन चर्चा के उपरान्त ही आपसे सहयोग भेजने का माध्यम बताया जाएगा जिसके लिए आप प्रतीक्षा करें |
मित्रों जैसा कि मैंने बताया है कि बीएड अभ्यर्थी अधिक पढ़े-लिखे हैं तो लिहाजा मेरी इस पोस्ट के बाद कुछ नकरात्मक भाव रखने वाले लोग आरोप-प्रत्यारोप का दौर चालू कर देंगे उन्हें मेरा शुभाशीष लेकिन आपसे बस इतना ही कहना चाहूँगा कि नौकरी आपकी है अगर उसके लिखने से आपको नौकरी मिल जाती है तो मैं कहूँगा रोज सुबह शाम लिखो और अपनी लेखनी से वरिष्ठ अधिवक्ता खड़े करो
और समस्त अभ्यर्थियों को नौकरी दिलवाओ |
धन्यवाद
हर हर महादेव
आपका
हिमांशु राणा
नोट :- अगर कोई भी व्यक्ति हमारे बिना बताये आपसे सहयोग की मांग करता है तो उसके लिए अगर आप कर चुके हैं तो स्वयं जिम्मेदार हैं जैसा कि पोस्ट में कहा है कि समस्त मुद्दों पर कि किस प्रकार सहयोग किया जाए पर सभी से चर्चा होने के उपरान्त ही आपको सहयोग करने का माध्यम बताया जाएगा इसके अलावा उन प्रतिनिधियों का उल्लेख भी करूँगा जो कि सहयोग हम तक नहीं पहुंचाते हैं |
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बहरहाल इस पर टिप्पणी करना हमारे हक़ में नहीं है कि आखिर विधिक अनुसार निर्णय देने में कौन सी मजबूरी है न्यायपालिका के समक्ष परन्तु इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ पैरवीकारों ने भी इस केस को यहाँ तक लाने में कोई कसार नहीं छोड़ी है |
फिलहाल बात की जाए आगे की :-
*72825 टेट मेरिट पर अंतरिम आदेश के तहत
*लगभग एक लाख अकादमिक मेरिट पर खंड पीठ द्वारा दिए गए आदेश के विरूद्ध भी नौकरी पर
*लगभग डेढ़ लाख शिक्षा मित्र पूर्ण पीठ के आदेश के विरूद्ध
सभी मामले लगे हैं 22 फ़रवरी को होने वाली पूरे दिन के सुनवाई में |
अब बात करते हैं शिक्षा मित्रों की तरफ से होने वाली पैरवी की :-
साथियों शिक्षा मित्र संगठन ऐसे ही नहीं मा० सर्वोच्च न्यायालय के समस्त वरिष्ठ अधिवक्ताओं को हायर कर लेते हैं , ये आप सोचें कि वे ऐसा क्यूँ कर पा रहे हैं ?
आपकी इस टीम ने एक बार आपको याची बनाने के लिए या तत्पश्चात आपके द्वारा दिए गए फॉर्म को अधिवक्ता को उपलब्ध कराने के अलावा आजतक आपसे धन की मांग नहीं की है परन्तु ग्लानी होती है कुछ ऐसी मानसिकता के लोगों के कमेन्ट देखकर कि इस बार फला अधिवक्ता कीजिये और इस बार ये अधिवक्ता करिए जबकि देखा गया है कि कुछ टीम तारीख से पहले मीटिंग करके पैरवी के लिए धन एकत्रित करती हैं तब आपके लिए अधिवक्ता का जुगाड़ करती हैं जबकि हम अनावृत उसी पैसे से आपके लिए अधिवक्ता मुहैया कराते आये हैं |
यहाँ एक बात का उल्लेख अति-आवश्यक है कि संयुक्त मोर्चे या एका दिखाकर भी जो सब्ज-बाग़ आम याचियों को सोशल मीडिया पर दिखाए जाते हैं वे दिल्ली जाकर बदल जाते हैं तो उस पर भी मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता हूँ कि ऐसा क्यूँ होता है उसके लिए बस इतना ही जवाब है कि हम लोग अधिक पढ़े-लिखे हैं और शिक्षा मित्र शायद आपसे कुछ कम (टेट पास नहीं है) |
फिलहाल की स्थिति का आंकलन किया जाए तो 22 फ़रवरी को होने वाली सुनवाई अति-महत्वपूर्ण इसलिए है क्यूंकि उस दिन केवल हमारा ही केस लगा है और महादेव से ये ही प्रार्थना है कि 17 नवम्बर के आदेश में उल्लेखित पंक्तियों के आधार पर केवल अपना ही केस लगे और इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि केस अनावृत तीन-चार दिन चलकर समस्त मुद्दों पर सुनवाई हो चाहे उसमे टेट-अकादमिक का मुद्दा हो या टेट-नॉन टेट का या शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण का क्यूंकि जब तक ये मुद्दे निस्तारित नहीं होंगे तब तक हम मा० न्यायमूर्ति चंद्रचूड साहब के द्वारा उल्लेखित पूर्ण पीठ के आदेश की पंक्तियों के सहारे :-
Admittedly, all the petitioners were qualified to apply for and be considered for appointment as Assistant Teachers. Their right of consideration was clearly affected and is in fact eclipsed by the absorption of Shiksha Mitras.
अपने नियुक्ति के लिए आदेश नहीं करवा सकते हैं और यहाँ ये बताना आवश्यक है कि बीएड भर्ती स्पेशल प्रावधान के अनुसार है जो कि उपरोक्त पंक्तियों के सहारे ही है कि याचियों का हित शिक्षा मित्रों के समायोजन की वजह से प्रभावित हुआ है |
मित्रों , उपरोक्त विषय पर समस्त प्रतिनिधियों से जल्दी वार्ता की जाएगी और एक प्रयास रहेगा कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं को किया जाए जो कि आपके सहयोग के बिना संभव नहीं है परन्तु इस मुद्दे पर गहन चर्चा के उपरान्त ही आपसे सहयोग भेजने का माध्यम बताया जाएगा जिसके लिए आप प्रतीक्षा करें |
मित्रों जैसा कि मैंने बताया है कि बीएड अभ्यर्थी अधिक पढ़े-लिखे हैं तो लिहाजा मेरी इस पोस्ट के बाद कुछ नकरात्मक भाव रखने वाले लोग आरोप-प्रत्यारोप का दौर चालू कर देंगे उन्हें मेरा शुभाशीष लेकिन आपसे बस इतना ही कहना चाहूँगा कि नौकरी आपकी है अगर उसके लिखने से आपको नौकरी मिल जाती है तो मैं कहूँगा रोज सुबह शाम लिखो और अपनी लेखनी से वरिष्ठ अधिवक्ता खड़े करो
और समस्त अभ्यर्थियों को नौकरी दिलवाओ |
धन्यवाद
हर हर महादेव
आपका
हिमांशु राणा
नोट :- अगर कोई भी व्यक्ति हमारे बिना बताये आपसे सहयोग की मांग करता है तो उसके लिए अगर आप कर चुके हैं तो स्वयं जिम्मेदार हैं जैसा कि पोस्ट में कहा है कि समस्त मुद्दों पर कि किस प्रकार सहयोग किया जाए पर सभी से चर्चा होने के उपरान्त ही आपको सहयोग करने का माध्यम बताया जाएगा इसके अलावा उन प्रतिनिधियों का उल्लेख भी करूँगा जो कि सहयोग हम तक नहीं पहुंचाते हैं |
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