पीएफ और ESIC के लिए भरना होगा एक फॉर्म, सरकार ने की तैयारी

अब कर्मचारियों को पीएफ और ESIC की तरफ से मिलने वाली मेडीकल सुविधाओं को लेने के लिए केवल एक फॉर्म भरना होगा। केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के नामांकन फॉर्म को एक करने पर काम कर रही है।
अभी दोनों सुविधाओं को लेने के लिए अलग-अलग फॉर्म भरना होता है। सरकार जल्द ही साझा पंजीकरण फॉर्म पेश करने की तैयारी कर रही है। इसका मुख्य मकसद कंपनियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में कागजी कार्य बोझ को कम से कम करना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम एक संयुक्त फॉर्म पर काम कर रहे हैं। ईपीएफओ और ईएसआईसी से पंजीकरण के लिए नियोक्ताओं को इसी साझा फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा।’

ईपीएफओ और ईएसआईसी द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं के तहत देश में औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों को जरूरी सुरक्षा कवर उपलब्ध कराया जाता है। बीस या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों के लिए ईपीएफओ के पास पंजीकरण कराना जरूरी है, जबकि ईएसआईसी के पास पंजीकरण के लिए यह सीमा 10 कर्मचारियों की है।

पीएफ निकालने के लिए नहीं खाने पड़ेंगे धक्के
नौकरी बदलने के बाद अब पीएफ निकालने के लिए आपको जगह जगह धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। ईपीएफओ ने इसके लिए नियम सरल कर दिए हैं, जिसमें मात्र एक फार्म भरकर ही आप आसानी से अपना पीएफ निकाल सकते हैं। इसके अलावा अग्रिम पीएफ निकालने के लिए भी आपको ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी। खास बात ये है कि अब आपको पीएफ निकालने के लिए अपने पुराने नियोक्ता की खुशामद करने की जरूरत नहीं रहेगी।

1. शुरूआत में जिन व्यक्तियों के बैंक अकाउंट और आधार कार्ड नंबर उनके यूएएन (Universal Account Number) से जुड़े होंगे वो सीधे ईपीएफओ में अपने फार्म जमा कर सकेंगे इसके लिए उन्हें फार्म अपने पूर्व संस्‍थान से सत्यापित कराने जरूरी नहीं होंगे।

2. ईपीएफओ ने सभी नौकरी पेशा और पेंशनरों के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है, इसके बिना खातों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसीलिए ईपीएफओ ने अपने खातों में आधार कार्ड की जानकारी देने की समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2017 तक कर दी है।

3. बता दें कि प्रोविडेंट फंड को अग्रिम तौर पर व्यक्ति जरूरी परिस्थितियों में ही निकाल सकता है, मसलन मकान खरीदने,‌ निर्माण कार्य, शादी और बच्चों की पढ़ाई आदि के लिए।

4. व्यक्ति को साल में एक बार ही फंड निकालने की अनुमति मिल सकती है, जिसे नौकरी की निश्चित अवधि पूरी न होने पर वापिस जमा भी करना होता है।

5. फंड निकालने के फार्म को सरल करने के साथ ही ईपीएफओ जल्द ही निकासी की व्यवस्‍था को ऑनलाइन करने की व्यवस्‍था पर काम कर रहा है। संभव है आगामी मई माह तक यह व्यवस्‍था लागू भी हो जाए।

6. नई व्यवस्‍था पर काम कर रहा ईपीएफओ चाहता है कि ऑनलाइन अप्लाई करने के कुछ घंटे के अंदर ही उसका निपटान हो सके। मौजूदा व्यवस्‍था में फंड निकालने संबंधी मामलों में कम से कम 20 दिन का समय लग जाता है।

7. मौजूदा व्यवस्‍था में नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद ही आप पीएफ निकालने के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि सरकार लंबी अवधि की बचत योजना को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कर में छूट देने पर भी विचार कर रही है। अगर पांच साल के बाद आप पीएफ निकालते हैं तो उस पर कोई कर नहीं देना होगा।
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