माननीय दीपक मिश्रा जी उ.प्र. की शिक्षक भर्ती मामले से खुद को क्यों किया अलग: नितेश की कलम से

नितेश की कलम से : जैसा पहले भी कई बार मैंने बताया है क़ि माननीय दीपक मिश्रा जी उत्तर प्रदेश के शिक्षक भर्ती पे निर्णय नहीं दे पाएंगे ,आज वैसा ही हुआ। दीपक मिश्रा जी का रिकॉर्ड रहा है कि उन्होंने कभी भी किसी को बेरोजगार नहीं किया किन्तु उत्तर प्रदेश में ये संभव नहीं था।
वो सबको तो जीवनदान दे सकते थे किंतु भविष्य में आने वाली सरकारे इसका प्रयोग खुद कि वोट बैंक के लिए करती ,इसलिए कोई जज चाह के भी ये नहीं कर सकता क्योंकि कोर्ट के लिए नियम सर्वोपरि होते है।
अब बहुत जल्द उत्तर प्रदेश में rte act लागू होने के बाद समस्त शिक्षक भर्ती का निर्णय होने कि पूरी उम्मीद।
अब सुनवाई मेरिट पे होगी भले कोई बेरोजगार हो ,इससे मतलब नहीं होगा कोर्ट को।
जज महोदय दीपक मिश्रा जी अगर इस केस को सुनते तो उनको स्वय द्वारा दिए गए सभी अंतरिम निर्णय को बदलना होता ,ऐसा कोई जज नहीं कर सकता ।
इसलिए मुकदमा छोड़ना लाजमी था।
शिक्षामित्र को तो बीएड वालो ने फंसा के हाइकोर्ट द्वारा रोड पे ले आये किन्तु अब समय हिशाब बराबर करेगा।
72825 पे खतरा जाएदा हो गया है क्योकि जिस तरह से लोग खूब याची लाभ में मास्टरी कर रहे है ,घर वापसी क़ि तैयारी शुरू कर दे।
72825 में चयनित ,अचयनित होंगे और अचयनित मास्टर बनेंगे ।
शिक्षामित्त तो स्कूलों में काम करता ही रहेगा भले मानदेय ही मिले किन्तु बीएड वाले योग्य लोगो आप तो इस काबिल भी नहीं बचोगे।
अब केस अंतिम चरण में है इसलिए सभी पैरिविकार जी जान से लग जाये जो भी बेंच बनेगी केस को निपटा देगी क्योकि cji खेहर जी के आने के बाद सुप्रीण कोर्ट उन केसों पे निर्णय देने लगी है जिसकी लोग कल्पना नहीं कर सकते।
अब तारीख पे तारीख वाला समय खत्म होने वाला है।
सभी चयनितों को शुभकामना ।

धन्यवाद।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Breaking News This week