SUPREME COURT, SHIKSHAMITRA : शिक्षामित्रों को अनुभव का वेटेज़ मिले, कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि वे शिक्षक नहीं तो क्या हैं आप उनका वर्क प्रोफाइल बताएं, उनका वर्क प्रोफाइल यही है कि वे पढ़ा रहे हैं, यह अनुभव टीईटी और बीएड से कहीं ज्यादा है, जो सिर्फ दो वर्ष के कोर्स हैं ।
नई दिल्ली विशेष संवाददाता : यूपी में शिक्षामित्रों को नियमित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि 1.75 लाख शिक्षामित्र 17 वर्षो से पढ़ा रहे हैं, उन्हें उसका कुछ वेटेज मिले। जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि उम्र सीमा में छूट के अलावा उन्हें शिक्षण अनुभव का वेटेज शिक्षक भर्ती आवेदन में मिलना चाहिए।
कोर्ट ने यह सकारात्मक टिप्पणी तब की जब बीएड और टीईटी पास अभ्यर्थी के वकीलों ने कहा कि शिक्षामित्र यूपी बेसिक के शिक्षा कानून के तहत शिक्षक नहीं हैं। उन्हें सरकार ने पीछे के रास्ते से प्रवेश दिया है। उन्हें उम्र सीमा में ही छूट दी जा सकती है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि यदि वे शिक्षक नहीं तो क्या हैं आप उनका वर्क प्रोफाइल बताएं। उनका वर्क प्रोफाइल यही है कि वे पढ़ा रहे हैं। उनका यह अनुभव टीईटी और बीएड से कहीं ज्यादा है, जो सिर्फ दो वर्ष के कोर्स हैं।
दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के वकील ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा शिक्षामित्र पूरी योग्यता रखते हैं और वे टीईटी भी पास हैं। बीएड उम्मीदवारों के वकीलों ने दलील दी कि शिक्षक बनने के योग्य दो लाख से ज्यादा अभ्यर्थी हैं। उन्होंने कहा, शिक्षा के अधिकार कानून, 2010 लागू होने के बाद सरकार ने अब तक कोई ऐसा शपथपत्र पेश नहीं किया है, जिसमें यह आंकड़ा हो कि योग्य उम्मीदवार न होने से शिक्षामित्रों को रखना पड़ा था।
कोर्ट ने पहले क्या कहा था
पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी शिक्षामित्रों की नियुक्ति संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नहीं है। उमादेवी फैसले (2006) के तहत ये नियुक्तियां अवैध हैं। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें भर्ती में बैठने के लिए उम्रसीमा में छूट दी जा सकती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट दो वर्ष पूर्व इन नियुक्तियों को अवैध ठहरा चुका है। मामले की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- सुप्रीम कोर्ट अपडेट: आज कोर्ट में शिक्षामित्रो के पक्ष में सबकुछ सकारात्मक रहा
- आज की सुनवाई का विवरण : कल एकेडमिक भर्ती सुनवाई होने की सम्भावना : Mohd Arshad
- मुख्य लड़ाई अब sm केस की है 72825+841 पूरी तरह से कामयाब मतलब सुरक्षित
- कल बहस अंतिम चरण में है और मामला 12 बजे से सुना जाना तय : हिमांशु राणा
- आज की सुनवाई का सार: अगली सुनवाई 9 मई को 2 बजे से 4 बजे तक:मयंक तिवारी : बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा कमल से
नई दिल्ली विशेष संवाददाता : यूपी में शिक्षामित्रों को नियमित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि 1.75 लाख शिक्षामित्र 17 वर्षो से पढ़ा रहे हैं, उन्हें उसका कुछ वेटेज मिले। जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि उम्र सीमा में छूट के अलावा उन्हें शिक्षण अनुभव का वेटेज शिक्षक भर्ती आवेदन में मिलना चाहिए।
कोर्ट ने यह सकारात्मक टिप्पणी तब की जब बीएड और टीईटी पास अभ्यर्थी के वकीलों ने कहा कि शिक्षामित्र यूपी बेसिक के शिक्षा कानून के तहत शिक्षक नहीं हैं। उन्हें सरकार ने पीछे के रास्ते से प्रवेश दिया है। उन्हें उम्र सीमा में ही छूट दी जा सकती है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि यदि वे शिक्षक नहीं तो क्या हैं आप उनका वर्क प्रोफाइल बताएं। उनका वर्क प्रोफाइल यही है कि वे पढ़ा रहे हैं। उनका यह अनुभव टीईटी और बीएड से कहीं ज्यादा है, जो सिर्फ दो वर्ष के कोर्स हैं।
दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के वकील ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा शिक्षामित्र पूरी योग्यता रखते हैं और वे टीईटी भी पास हैं। बीएड उम्मीदवारों के वकीलों ने दलील दी कि शिक्षक बनने के योग्य दो लाख से ज्यादा अभ्यर्थी हैं। उन्होंने कहा, शिक्षा के अधिकार कानून, 2010 लागू होने के बाद सरकार ने अब तक कोई ऐसा शपथपत्र पेश नहीं किया है, जिसमें यह आंकड़ा हो कि योग्य उम्मीदवार न होने से शिक्षामित्रों को रखना पड़ा था।
कोर्ट ने पहले क्या कहा था
पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी शिक्षामित्रों की नियुक्ति संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नहीं है। उमादेवी फैसले (2006) के तहत ये नियुक्तियां अवैध हैं। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें भर्ती में बैठने के लिए उम्रसीमा में छूट दी जा सकती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट दो वर्ष पूर्व इन नियुक्तियों को अवैध ठहरा चुका है। मामले की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।
- शिक्षामित्र प्रकरण : आज माननीय सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों के समायोजन की वैधता पर सुनवाई,जानिए क्या कहा कोर्ट ने
- सपा की तरह ही भाजपा भी शिक्षामित्रों के लिए बीएड-2011 टीईटी वालों को दांव पर लगाने को तैयार
- अनुभव कभी योग्यता का विकल्प नही , पीठ ने कल सम्पूर्ण केस फाइनल करने को कहा है
- UPTET SHIKSHAMITRA कल 09 मई 17 को समस्त पेंडिंग केस का फाइनल डिस्पोजल एवं रिजर्व जजमेंट:कल 12 बजे से सुना जाएगा केस
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- विशेष कि कलम से, आज की सुप्रीमकोर्ट की सुनवाई के सार
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