नई दिल्ली: इलाहबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षकों
और अनुदेशकों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने
77, 804 पदों पर होने वाली भर्ती का रास्ता भी साफ कर दिया है। कोर्ट ने
अपने आदेश में कहा कि सरकार ने भर्ती रोकने के पीछे की वजह को नहीं बताया
है।
इसके साथ ही प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती पर रोक हटाते हुए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से दो महीने में शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर काउंसिलिंग करवाकर भर्ती करने का निर्देश दिया है।
23 मार्च 2017 को प्रदेश सरकार ने 29334 गणित-विज्ञान के सहायक अध्यापकों और 16448 प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती पर रोक लगा दी थी।
नीरज कुमार पांडेय और अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे जस्टिस पीकेएस बघेल ने यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सीमान्त सिंह के मुताबिक़ 11 जुलाई 2013 को उच्च प्राथमिक स्कूलों में गणित-विज्ञान के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती का शासनादेश जारी हुआ था।
हालांकि, काउंसलिंग के बाद भी हजारों पर खाली रह गए। इसके बाद सरकार ने 30 दिसंबर 2016 को काउंसलिंग कर नियुक्ति के आदेश जारी किए।
इस बीच सरकार बदली और बीजेपी सरकार आने के बाद 23 मार्च 2017 को बेसिक शिक्षा परिषद ने आदेश जारी कर प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अगले आदेश तक विभाग की सभी भर्तियों को रोकने के निर्देश दे दिए थे।
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