वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय की पहली किस्त अक्टूबर में, यह होगा सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य का मानदेय

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : अखिलेश सरकार ने अपने चुनावी वादे को निभाते हुए सूबे के 17551 मान्यताप्राप्त माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों के 1.92 लाख अंशकालिक शिक्षकों को विशेष प्रोत्साहन मानदेय देने का एलान कर दिया है।
यह मानदेय परीक्षा वर्ष 2012 तक शामिल यूपी बोर्ड से मान्यताप्राप्त वित्तविहीन हाईस्कूल/इंटरमीडिएट विद्यालयों के शिक्षकों को दिया जाएगा। अंशकालिक शिक्षकों को मानदेय की धनराशि का भुगतान छह-छह महीने की अवधि पर सितंबर और मार्च में किया जाएगा।
इस हिसाब से उन्हें वार्षिक मानदेय की पहली किस्त का भुगतान अगले माह हो सकेगा। 1इस बारे में हाल ही में कैबिनेट द्वारा फैसला किये जाने के बाद सोमवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले का लाभ हाईस्कूल स्तर के 8036 तथा इंटरमीडिएट स्तर के 7431 वित्तविहीन विद्यालयों को मिलेगा। इनके अलावा इंटरमीडिएट स्तर के 2084 ऐसे विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षक भी इस निर्णय का लाभ पा सकेंगे जो कि हाईस्कूल स्तर पर सवित्त हैं लेकिन इंटरमीडिएट स्तर पर विभिन्न वर्गों में वित्तविहीन हैं। शासनादेश के मुताबिक वित्तविहीन विद्यालयों के 7431 अंशकालिक प्रधानाचार्यों, 8036 प्रधानाध्यापकों, 68,387 प्रवक्ताओं और 1,08,269 सहायक अध्यापकों को मानदेय दिया जाएगा। प्रत्येक अंशकालिक प्रधानाचार्य को प्रोत्साहन स्वरूप 13,090 रुपये वार्षिक मानदेय दिया जाएगा। वहीं हर अंशकालिक प्रधानाध्यापक को 11,990 रुपये, प्रवक्ता को 10890 रुपये और सहायक अध्यापक को 9790 रुपये वार्षिक मानदेय दिया जाएगा। 1अंशकालिक शिक्षकों को दिया जाने वाला विशेष प्रोत्साहन मानदेय उन्हें विद्यालय प्रबंधतंत्र द्वारा भुगतान की जा रही परिलब्धियों के अतिरिक्त होगा। अशासकीय असहायिक माध्यमिक विद्यालयों के उन्हीं अंशकालिक शिक्षकों को मानदेय का भुगतान किया जाएगा जो इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम में उल्लिखित न्यूनतम शैक्षिक व प्रशिक्षण योग्यताएं रखने के अलावा प्रबंध समिति द्वारा नियुक्त और संस्था में हाल फिलहाल तक कार्यरत हों। 1जिला स्तर पर अंशकालिक शिक्षकों की पात्रता तय करने के लिए संस्था के प्रबंधक और अंशकालिक प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक के संयुक्त हस्ताक्षर से शपथ पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक एक हफ्ते में संबंधित संस्थाओं का परीक्षण कर सूचना शिक्षा निदेशालय को भेजते हुए मानदेय भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। गौरतलब है कि सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों के मानदेय भुगतान के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।

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