शिक्षामित्रों को दी खुशी लेकिन अनुदेशकों को हाथ लगी मायूसी

आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय तो बढ़ा दिया। लेकिन, अब तक अनुदेशकों को बढ़ा हुआ मानदेय दिलाने में सरकार नाकाम रही है। ज
बकि अनुदेशकों को बढ़े हुए मानदेय के निर्देश अप्रैल में जारी किए गए थे। अनुदेशकों ने इस बात को लेकर सरकार से अपील की, लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद अनुदेशकों ने सरकार को सबक सिखाने के लिए रास्ता निकाल लिया है। अब अनुदेशक दूसरे तरीके से अपना बढ़ा हुआ मानदेय लेने के लिए संघर्ष करेंगे।
अटक गई अनुदेशकों की मानदेय वृद्धि
प्रदेश के उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों की मानदेय वृद्धि अटक गई है। सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन रद करने के बाद शिक्षामित्रों जो फैसला सुनाया, उसके बाद प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में शिक्षामित्रों को बढ़े हुए मानदेय को लेकर निर्देश जारी कर दिए गए। लेकिन, अनुदेशकों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मार्च 2017 में 8470 रुपये से बढ़ाकर 17 हजार रुपये किए जाने के लिए अभी तक राज्य सरकार ने आदेश जारी नहीं किए। सरकार ने अभी तक अनुदेशकों के लिए मानदेय वृद्धि को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। इस बात से अनुदेशकों में खासा आक्रोश व्याप्त है। अनुदेशकों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने मानदेय वृद्धि के आदेश पर स्वीकृति की मुहर जल्द नहीं लगाई, तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन भी करने के लिए अनुदेशक तैयार हैं।
2012-13 में शैक्षिक सत्र से शुरू हुई नियुक्ति

आगरा, अलीगढ़ , मथुरा, फिरोजाबाद, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और कासगंज जनपदों में हजारों अनुदेशकों की तैनाती है। इन सभी अनुदेशकों को बढ़े हुए मानदेय से वंचित रखा गया है। जबकि शिक्षामित्रों को बढ़ा हुआ मानदेय एक अगस्त से जारी किया गया है, जो उन्हें दिया जा रहा है। ऐसे में अनुदेशकों के साथ हो रही ज्यादती के लिए अनुदेशकों ने हुंकार भरने की चेतावनी दी है। अनुदेशक विवेक शर्मा ने बताया कि सरकारों ने मानदेय की वृद्धि का लाभी अभी तक अनुदेशकों को नहीं दिया है। अंशकालिक अनुदेशकों की नियुक्ति 2012-13 में शैक्षिक सत्र से शुरू हुई थी। पुरानी दर से ही अंशकालिक अनुदेश अभी तक मानदेय पा रहे हैं।
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