फिरोजाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत
शिक्षामित्र असमंजस में पड़ गए हैं, क्यों कि विभाग ने उन्हें जो मानदेय
भेजा है, वो नई नीति नहीं बल्कि पुरानी के तहत ही भेजा गया है। वहीं,
समायोजित शिक्षामित्रों को तीन माह से मानदेय ही नहीं जारी किया गया है। न
ही एरियर जारी किए गए।
शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम
कोर्ट से निरस्त होने के बाद आंदोलन शुरू हुए थे। ऐसे में सरकार ने
शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हजार रुपये करने की घोषणा की थी। 3500 रुपये
मानदेय पा रहे असमायोजित शिक्षामित्रों का भी मानदेय सरकार ने 10 हजार
रुपये मानदेय कर दिया था, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन असमायोजित
शिक्षामित्रों को अभी 3500 रुपये की किश्त जारी हुई है।
ऐसे में शिक्षामित्र असमंजस में पड़ गए हैं। वहीं, समायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय अगस्त, सितंबर एवं अक्तूबर माह का नहीं आया है, जबकि शासन ने 26 अक्तूबर तक मानदेय जारी करने के निर्देश दिए थे। वित्त लेखाधिकारी विकास चौधरी का कहना है कि शासन के आदेश होने से पूर्व ही ग्रांट भेज दी थी। इसलिए अभी असमायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 रुपये भेजा है। ग्रांट आने पर ही पूरा मानदेय दिया जाएगा। इधर, समायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय जल्द ही खातों में भेज दिया जाएगा।
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ऐसे में शिक्षामित्र असमंजस में पड़ गए हैं। वहीं, समायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय अगस्त, सितंबर एवं अक्तूबर माह का नहीं आया है, जबकि शासन ने 26 अक्तूबर तक मानदेय जारी करने के निर्देश दिए थे। वित्त लेखाधिकारी विकास चौधरी का कहना है कि शासन के आदेश होने से पूर्व ही ग्रांट भेज दी थी। इसलिए अभी असमायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 रुपये भेजा है। ग्रांट आने पर ही पूरा मानदेय दिया जाएगा। इधर, समायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय जल्द ही खातों में भेज दिया जाएगा।
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