देखें क्या हालात है सीएम योगी विद्यालयों का

फतेहपुर। प्रदेश की सरकार के अनेको प्रयासों के बाद भी शिक्षा में कोई सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा । अध्यापक अपनी पूरी तरह से मनमानी करते नज़र आ रहे हैं।
खुले आम बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा हैं। अधिकारी सिर्फ जाँच की बात कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। मामला उत्तर प्रदेश जिला फतेहपुर का हैं। जिले के मुसेपुर गाँव में स्थिति सरकारी प्राथमिक विधालय जिसमे लग भाग 60 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

इस विधालय में बच्चो को शिक्षा देने के लिए मात्र एक शिक्षा मित्र की नियुक्ति की गयी हैं। अध्यापको का अभाव होने के कारण यह मनमाने ढंग से विधालय का संचालन कर रही हैं। जब मन आया विद्यालय खोला जब मन चाहा बंद कर दिया। इनको बच्चो के भविष्य से कोई लेना देना नहीं। वही वर्षो से इस विद्यालय की रंगाई ,पुताई नहीं कराई गयी जब की हर वर्ष सरकार की तरफ से स्कूलों इस कार्य लिए अलग से बजट मिलता है। पूरे विद्यालय के मैदान में खरपतवार ने अपना कब्ज़ा कर रखा है।
किसी तरह की कोई साफ़ सफाई वर्षो से नहीं कराई गयी। पानी पीने के लिए हैन्ड पाइप तो हैं मगर किसी हाथी के दांत से कम नहीं। सौचालय में ताला और घासो से घिरा हुआ मानो वर्षो से इसका इस्तिमाल नहीं किया गया। एक तरफ मोदी सरकार शौचालय और साफ़ सफाई को लेकर जितनी संजीदा हैं। उतना ही इस विधालय के जिम्मेदार गैर जिम्मेदारा रवैया से दो चार होते देखे जा रहे हैं।वही विधालय में पढ़ने वाले बच्चे और परिजनों ने बताया की आज मिडडेमील भी नहीं बनाया गया और टीचर पूरे टाइम मोबाइल में बात करती नज़र आती हैं।

वही मीडिया की मौके पर मौजूदगी की जानकारी मिलते ही टीचर आयी और कैमरे के सामने अपनी सफाई देने लगी जब हक़ीक़त खुद पढ़ने वाले बच्चे और ग्रामीण बया कर रहे हैं। इस बारे में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने ने भी जांच शब्द का सहारा लेते हुए कैमरे से दूरी बना लिया।
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