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शिक्षकों की पदोन्नति पर कुंडली मारे बैठे बीएसए

बुलंदशहर : बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति होनी है। नियम के अनुसार काफी समय पहले पदोन्नति हो जानी चाहिए थी, लेकिन तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारियों की मनमानी के कारण यह संभव नहीं हो पाए।
बीच में पदोन्नति की गई तो उसमें कुछ शिक्षक संगठनों ने अडंगा लगा दिया। जिस कारण पिछले कई वर्षों से जनपद में शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई है। इस वर्ष भी शिक्षकों की पदोन्नति होनी थी, लेकिन अब बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। शिक्षक संगठनों के दबाव बनाने के बाद उन्होंने वरिष्ठता सूची जारी कराने के आदेश किए थे। एक माह पहले ही वरिष्ठता सूची चस्पा हो जाना चाहिए थी, लेकिन अभी तक वरिष्ठता सूची जारी नहीं की गई है। केवल ब्लाक स्तर पर वरिष्ठता सूची लगाकर उस पर आपत्ति मांगी गई थीं। शिक्षकों ने आपत्ति रिपोर्ट भी लगा दी, उसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का आरोप है कि बीएसए मनमानी परउतरे हुए हैं। प्रदेश के अधिकतर जनपदों में कई-कई बार पदोन्नति हो चुकी है, लेकिन यहां सात वर्ष से काम कर रहे शिक्षकों की एक भी पदोन्नति नहीं हुई है। जबकि नियम के अनुसार तीन से चार वर्ष में पदोन्नति होती है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र यादव ने कहा कि शीघ्र ही शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गई तो संगठन के पदाधिकारी बीएसए कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि बीएसए को कार्यप्रणाली में बदलाव लाना होगा। जिससे शिक्षकों को किसी प्रकार की समस्या खड़ी न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का शोषण संगठन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।
इन्होंने कहा...
बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम ने बताया कि शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया चल रही है। वरिष्ठता सूची जारी होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाएगी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठता के आधार पर ही पदोन्नति दी जाएगी, इसीलिए देरी हो रही है।

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