जिलों में रिक्तियां होने के बाद भी सीटें शून्य, 12460 सहायक अध्यापक व चार हजार उर्दू शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया का मामला

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 12460 सहायक अध्यापक व चार हजार उर्दू शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया इस समय ठप है। सरकार सभी भर्तियों का पुनरीक्षण कर रही है, इसी बीच अभ्यर्थियों ने नियुक्तियों पर सवाल उठाए हैं।
कहना है कि जिलों में रिक्तियां होने के बाद भी तमाम जिलों में सीटें शून्य कर दी गई हैं। इससे विभाग ही नियमावली का उल्लंघन कर रहा है। यह भर्तियां रद करके नये सिरे से भर्तियों का विज्ञापन जारी किया जाए। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों का कहना है कि 12460 शिक्षकों की भर्ती में 24 जिलों में सीटें रिक्त होने के बाद भी वहां की सीटें शून्य दिखाई गई हैं। शिक्षक नियमावली 1981 में प्रावधान है कि अभ्यर्थी ने जिस जिले में प्रशिक्षण प्राप्त किया है उसे पहले वहीं वरीयता दी जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने जिले में रिक्ति होने के बाद भी सीटें खाली न दिखाने से प्रशिक्षुओं ने कई जिलों में आवेदन किया है। नियमों को दरकिनार करके अभ्यर्थियों से कहा जा रहा है कि वह जिस जिले की मेरिट में आ रहे हैं वहां काउंसिलिंग कराएं। बीटीसी प्रशिक्षुओं ने रविवार को इलाहाबाद के चंद्रशेखर आजाद पार्क में बैठक करके निर्णय लिया कि जिला वरीयता हर हाल में मिलनी चाहिए। ऐसे में 12460 व 4000 सहायक अध्यापकों की भर्ती रद करके नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाए।
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