Important Posts

Advertisement

जरूरत नहीं सहूलियत में स्कूल आवंटन, समायोजन में हेराफेरी की तैयारी में बीएसए

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती जरूरत नहीं, बल्कि उनकी सहूलियत के हिसाब से की गई। यही वजह है कि कहीं शिक्षकों का अभाव है तो कहीं अधिकता है।
छात्र संख्या के लिहाज से प्रति शिक्षक तैनाती का मानक घटने के बाद भी बड़ी संख्या में अतिरिक्त शिक्षक मिले हैं यदि पुराने मानक पर ही शिक्षकों का आकलन होता तो अतिरिक्त शिक्षक और अधिक सामने आते। सख्त निर्देशों के बाद भी बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों के समायोजन में हेराफेरी करने की तैयारी में हैं। परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या के हिसाब से शिक्षकों की तैनाती करने का आदेश हुआ है। पहले बेसिक स्कूलों में प्रति 40 छात्रों पर एक शिक्षक तैनात होता रहा है, अब इसे घटाकर 30 छात्र कर दिया गया है। इसके बाद भी 65 हजार शिक्षक अतिरिक्त सामने आये हैं, यदि पुराने मानक से गणना होती तो यह संख्या और बढ़ती। यह हाल तब है जब ढाई लाख से अधिक शिक्षकों की भर्तियां पिछले वर्षो में हुई हैं। इसके लिए जिला मुख्यालयों पर कहने को काउंसिलिंग हुई, बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों को जरूरत के बजाय उनकी मर्जी से तैनाती दे दी। शहर के करीब, सड़क किनारे और जिन विद्यालयों में आवागमन के भरपूर साधन हैं वहां बड़ी संख्या में शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि असेवित क्षेत्रों में शिक्षकों का अभाव है।
अफसरों ने जिलों में स्कूलों में शिक्षकों का संतुलन बिगाड़ने वाले बीएसए पर शिकंजा न कसकर शिक्षकों को ही लक्ष्य बनाया है, उन अफसरों को चिन्हित नहीं किया गया, जहां पिछले वर्षो में तमाम नियुक्तियां होने के बाद भी विद्यालय बंद और एकल हैं। अब समायोजन में भी बीएसए अपनों को बचाने का भरपूर जतन कर रहे हैं, इसीलिए समायोजित शिक्षकों की सूची विकासखंड व जिला स्तर पर जारी नहीं हो रही है।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news