लखनऊ। सरकरी प्राइमरी शिक्षकों के तबादले और समायोजन को लेकर एक नई खबर सामने आई है। शिक्षकों का तबादला अभी तो दूसरे जिलों में नहीं हो पाएगा लेकिन जिलों के अंदर शिक्षकों के तबादले हो सकते हैं।
बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा तबादले की अंतिम तारिख 30 जून निर्धारित की गई थी। लेकिन निर्धारित समय तक सॉफ्टवेयर तैयार न हो पाने के कारण प्रक्रिया नहीं हो पाई। शासन व बेसिक शिक्षा परिषद के कई निर्देशों के बावजूद अभी तक बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों का सैलरी डाटा अपलोड नहीं हो पाया है। इसके अंतर्गत सरप्लस शिक्षकों की संख्या व चिह्नांकन, जोनवार स्कूलों का बंटवारा और पैन व आधार नंबर भी अपलोड किया जाना है लेकिन ज्यादातर जिले ऐसे हैं जिन्होंने सौ फीसदी डाटा अपलोड नहीं किया है।
बता दें बेसिक शिक्षा विभाग ने ग्रामीण विद्यालयों में 65 हज़ार सहायक अध्यापकों को सरप्लस घोषित किया है। जबकि शहरी स्कूलों में भी इनकी संख्या हज़ारों में है। सरकार के आदेशनुसार जिले में रिक्त पदों के अनुसार सरप्लस शिक्षकों का तबादला किया जाना है। इसके लिए सभी बीएसए को उनके जिले में सरप्लस अध्यापकों का ब्यौरा उनके पैन नंबर व आधार पैन के साथ एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करने की निर्देश दिए थे। लेकिन निर्धारित तारीख 30 जून तक न तो ऑनलाइन आवेदन पर का सॉफ्टवेयर तैयार हुआ, न ही अधिकतर जिलों के बीएसए ने सरप्लस शिक्षकों का डेटा ही अपलोड किया है। इसका नतीजा यह रहा की एक लाख से अधिक सहायक अध्यापक निर्धारित अवधि तक आवेदन ही नहीं कर सके।
चरणबद्ध तरीके से हो रही तैनाती
शिक्षकों के तबादले व समायोजन में कोई गड़बड़ी न हो इसलिए शासन ने इस बार चरणबद्ध तरीके से शिक्षकों की तैनाती की योजना बनाई है। लेकिन राज्य सरकार इस पर ध्यान दे रही है कि न तो कहीं सरप्लस शिक्षक रहें और न ही एकल शिक्षक वाले स्कूल रहे। पहली बार बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्कूल आवंटन में बीएसए के दखल पर अंकुश लगाते हुए शिक्षक को सॉफ्टवेयर के माध्यम से सीधे स्कूल चुनने की स्वतंत्रता दी है।
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बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा तबादले की अंतिम तारिख 30 जून निर्धारित की गई थी। लेकिन निर्धारित समय तक सॉफ्टवेयर तैयार न हो पाने के कारण प्रक्रिया नहीं हो पाई। शासन व बेसिक शिक्षा परिषद के कई निर्देशों के बावजूद अभी तक बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों का सैलरी डाटा अपलोड नहीं हो पाया है। इसके अंतर्गत सरप्लस शिक्षकों की संख्या व चिह्नांकन, जोनवार स्कूलों का बंटवारा और पैन व आधार नंबर भी अपलोड किया जाना है लेकिन ज्यादातर जिले ऐसे हैं जिन्होंने सौ फीसदी डाटा अपलोड नहीं किया है।
बता दें बेसिक शिक्षा विभाग ने ग्रामीण विद्यालयों में 65 हज़ार सहायक अध्यापकों को सरप्लस घोषित किया है। जबकि शहरी स्कूलों में भी इनकी संख्या हज़ारों में है। सरकार के आदेशनुसार जिले में रिक्त पदों के अनुसार सरप्लस शिक्षकों का तबादला किया जाना है। इसके लिए सभी बीएसए को उनके जिले में सरप्लस अध्यापकों का ब्यौरा उनके पैन नंबर व आधार पैन के साथ एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करने की निर्देश दिए थे। लेकिन निर्धारित तारीख 30 जून तक न तो ऑनलाइन आवेदन पर का सॉफ्टवेयर तैयार हुआ, न ही अधिकतर जिलों के बीएसए ने सरप्लस शिक्षकों का डेटा ही अपलोड किया है। इसका नतीजा यह रहा की एक लाख से अधिक सहायक अध्यापक निर्धारित अवधि तक आवेदन ही नहीं कर सके।
चरणबद्ध तरीके से हो रही तैनाती
शिक्षकों के तबादले व समायोजन में कोई गड़बड़ी न हो इसलिए शासन ने इस बार चरणबद्ध तरीके से शिक्षकों की तैनाती की योजना बनाई है। लेकिन राज्य सरकार इस पर ध्यान दे रही है कि न तो कहीं सरप्लस शिक्षक रहें और न ही एकल शिक्षक वाले स्कूल रहे। पहली बार बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्कूल आवंटन में बीएसए के दखल पर अंकुश लगाते हुए शिक्षक को सॉफ्टवेयर के माध्यम से सीधे स्कूल चुनने की स्वतंत्रता दी है।
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