अंतिम फ़ैसले के सुनाए जाने की तिथि को लेकर ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नही : मयंक तिवारी

राम राम साथियों,
ग्रीष्मावकाश से पहले माननीय न्यायधीश ऐ के गोयल जी व् माननीय न्यायधीश यू यू ललित जी की कोर्ट में शिक्षक भर्ती से सम्बंधित सभी विचाराधीन मामलों पर समस्त सुनवाइयाँ के पूर्ण हो जाने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया गया।
आदेश हेतु 19 मई से लेकर  3 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट के पुनः खुलने की हम सभी ने बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा की और अब एक-एक दिन का इंतज़ार एक-एक सदी बीतने के बराबर भारी हो चला है और प्रतीक्षा तब ओर ज्यादा बैचैन कर देती है जब उसके पूरे होने की तिथि भी हमें ज्ञात ना हों।
साथियों इस आदेश की प्रतीक्षा सिर्फ आपको, हमें ही नही बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को है। प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति उस इंतज़ार में है कि "कब आदेश आये और शिक्षा विभाग को अयोग्यों से मुक्ति मिले और योग्यता के आगमन का मार्ग प्रशक्त हो।"
अंतिम फ़ैसले के सुनाए जाने की तिथि को लेकर ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नही है। दोनों ही न्यायधीश को भली-भांति याद है कि आदेश सुरक्षित है जिसको सुनाना भी है ताकि उसका अनुपालन भी कराया जा सके। जो कुछ भी विलम्ब हो रहा है वह न्यायिक प्रक्रिया का अंग है। हम लगातार संपर्क में है तिथि निर्धारित होते ही अपडेट करेंगे।
हाँ इतना अवश्य ही आस्वस्त कर सकता हूँ कि "अंतिम आदेश किसी भी प्रकार से आपके विपरीत नही होगा और जहाँ तक विभाग में बच्चों की संख्या के कम होना और शिक्षकों का सरप्लस होना आदि का प्रश्न है तो यह मुद्दा भी अंतिम आदेश के बाद ठीक वैसे ही गायब होगा जैसे गधे के सर से सींग। इसके साथ ही विभाग की दुर्गति करने वाले सचिव संजय सिन्हा भी।"
अतः सभी से निवेदन है कि अगर-मगर-किन्तु-परन्तु आदि से ऊपर उठकर विजेता होने जैसा का आचरण कीजिये। अब केबल घोषणा होने ही शेष है।
आप सभी का आने वाला हर पल मंगलमय हो। इन्ही शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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