नीति के तहत आवेदन भरपूर शिक्षक तबादलों से दूर, पहले न्यायालय की रोक और अब आचार संहिता बनेगी बाधा

इलाहाबाद : ‘तमाम व्यंजनों से युक्त थाली परोसकर आए, लेकिन भोजन का स्वाद न मिल पाने वाले शख्स का अंदाजा लगाइए।’ कुछ ऐसी ही मनोदशा से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक जूझ रहे हैं।
इस बार शासन ने शिक्षकों के समायोजन, जिले के अंदर फेरबदल व अंतर जिला तबादले तीन चरणों में कराने का निर्देश दिया। समय पर तबादला नीति जारी हुई और जिले के अंदर तबादलों के लिए 78 हजार से अधिक शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन भी किया, लेकिन सारी प्रक्रिया जहां की तहां ठप है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में समायोजन व जिले के अंदर तबादलों पर हाईकोर्ट की अभी रोक है। इसकी सुनवाई अब 23 अक्टूबर को होनी है, संभव है कि तबादलों से स्थगनादेश वापस हो जाए, लेकिन फिर भी समायोजन व तबादले होने के आसार नहीं है। इसकी वजह यह है कि कोर्ट की सुनवाई के ठीक दो दिन बाद नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होनी है। ऐसे में स्कूलों में पठन-पाठन माहौल बनाने के सारे दावों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। विद्यालयों में शिक्षकों का असंतुलन है। जिलों में मुख्य मार्ग के करीब के स्कूलों में छात्र संख्या से अधिक शिक्षक हैं तो रिमोट एरिया के तमाम स्कूल एकल हैं। इस सत्र में आई रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के छह हजार से अधिक स्कूल एकल हैं, वहीं विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात में 65 हजार से अधिक अतिरिक्त शिक्षक हैं। शासन के निर्देश पर परिषद ने हर जिले के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती दुरुस्त करने के लिए समायोजन का आदेश जारी किया। इसके लिए तीन जोन बने। यह प्रक्रिया ऑफलाइन शुरू हुई, लेकिन तबादला नीति में उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान-गणित शिक्षकों को लेकर स्पष्ट निर्देश न होने के आधार पर न्यायालय ने समायोजन व तबादले पर रोक लगा दी। हालांकि शासन तबादला नीति जारी होने के बाद विज्ञान-गणित शिक्षकों को समायोजन में न हटाने का आदेश जारी कर चुका है। 1परिषद ने जिले के अंदर तबादले के लिए अगस्त माह में प्रक्रिया शुरू की। प्रदेश भर में करीब 78 हजार शिक्षकों ने दावेदारी की, लेकिन यह तबादला सूची कोर्ट की रोक की वजह से जारी नहीं हो पा रही है। परिषद की सितंबर के अंत में अंतर जिला तबादला के लिए आवेदन लेने की तैयारी थी, लेकिन जिले के अंदर तबादले न हो पाने से अंतर जिला तबादले संभव नहीं है। नगर निकाय की अधिसूचना खत्म होने तक वार्षिक परीक्षाओं का समय आ जाएगा। ऐसे में इस सत्र में समायोजन व तबादला होने के अब आसार नहीं हैं।’>>इस बार शैक्षिक सत्र में समायोजन और तबादले ख्वाब ही रहेंगे1’>>पहले न्यायालय की रोक और अब आचार संहिता बनेगी बाधा

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