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फर्जी डिग्री से भर्ती, तबादले के वक्त बदले कागजात

कौशांबी शिक्षक भर्ती में माफिया और अफसरों का ऐसा गठजोड़ है कि फर्जी शिक्षक को पकड़ना नामुमकिन जैसा है। जिले में बड़े पैमाने पर फर्जी शिक्षकों की भर्ती हुई है लेकिन अब तक कोई पकड़ा नहीं गया है। हाल ही में यहां पर शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा एक अलग तरह का मामला सामने आया है।
पता चला कि यहां से फर्जी डिग्री से शिक्षकों की भर्ती हुई। फिर उनका दूसरे जिले में तबादला करते समय डिग्री बदलकर असली वाली लगा दी गई है। इस खेल के चलते फर्जीवाड़ा नहीं पकड़ा जा सका। ऐसे ही दो शिक्षक यहां से चित्रकूट भेजे गए हैं।

बेसिक शिक्षा परिषद में फर्जी शिक्षकों को असली शिक्षक बनाने का खेल रहा है। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरा खेल हो रहा है। सिराथू ब्लाक में दो शिक्षक 2089 से फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे थे। पिछले दिनों जांच में इनका सामने आया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में इन लोगों ने बचने का रास्ता निकाल लिया। अब इन लोगों ने अपना स्थानांतरण चित्रकूट व फतेहपुर करा लिया। दोनों शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ तो उन्होंने नौकरी के दौरान जो फर्जी डिग्री लगाई थी। उसे हटा लिया और उसकी जगह असली प्रमाण पत्र लगा दिया। विभागीय कर्मचारियों ने दोनों से साठगांठ करते हुए उनके दस्तावेज बदल दिया। साथ ही जिस जनपद में स्थानांतरण हुआ। वहां असली डिग्री ही जमा कर दी। अब उनको पकड़ना विभाग के लिए आसान नहीं है। ऐसे लोगों की शिकायत के बाद भी अधिकारी यदि डिग्री की छायाप्रति भी देते है तो वह भी वास्तविक ही रहेगी। ऐसे में वह विभागीय कार्रवाई से बच सकता है। ऐसे हो सकती है पहचान

डायट से बीपीएड का प्रशिक्षण ले रहे एक छात्र ने बताया कि इस तरह के मामलों में जिस वर्ष किसी व्यक्ति ने नौकरी पाई है। उस वर्ष की कटआफ मेरिट व उसके दस्तावेजों के अंक ही महत्वपूर्ण होते है। यदि उसके अंक कम है तो उसकी नियुक्ति में खेल हुआ है। अधिकारी यदि चाहे तो ऐसे लोगों को पकड़ सकते हैं। छात्र का आरोप है कि जब यहां से गैर जनपद लोग जा सकते है तो गैर जनपद से लोग यहां फर्जी डिग्री को सही कर आ भी सकते हैं। अधिकारियों को इस मामले को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए।

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