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शिक्षकों में कहानी सुनाने की होगी होड़, कहानी प्रतियोगिता में शिरकत करेंगे अध्यापक: बच्चों को सिखाने-समझाने के लिए किस्सागोई का सहारा

लखनऊ : परिषदीय स्कूलों के शिक्षक जल्द ही एक दिलचस्प प्रतियोगिता में एक-दूसरे से मुकाबिल होंगे। यह प्रतियोगिता होगी कहानी सुनाने की। बच्चों में उनकी कक्षा के अनुरूप सीखने-समझने का स्तर विकसित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग किस्सागोई का सहारा लेगा।
निजी स्कूलों की तुलना में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के सीखने-समझने के स्तर पर सवाल उठते रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का कक्षावार पढ़ाई को सीखने-समझने का क्या स्तर होना चाहिए, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इसके मानक तय किए हैं जिन्हें ‘लर्निंग आउटकम’ कहा गया है। शिक्षकों में कहानी सुनाने का कौशल विकसित करने और इसके माध्यम से बच्चों को पढ़ाई को बेहतर तरीके से सीखने-समझने का मौका देने के लिए एससीईआरटी अगस्त-सितंबर में कहानी सुनाने की प्रतियोगिता आयोजित करने जा रहा है। यह प्रतियोगिता प्राथमिक और उच्च प्राथमिक दोनों स्तर के शिक्षकों के लिए होगी। शिक्षक द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली कहानी कक्षा एक से आठ तक के लिए निर्धारित लर्निंग आउटकम पर आधारित होनी चाहिए। कहानी सुनाने से पहले शिक्षक को यह बताना होगा कि यह किस कक्षा के किस लर्निंग आउटकम को हासिल करने में सहायक होगी। कहानी को सुनाने का तरीका रोचक और प्रभावी होना चाहिए ताकि बच्चे उसे समझ सकें और उस पर पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर दे सकें व सवाल भी पूछ सकें। बच्चों की प्रतिक्रिया को शामिल करते हुए कहानी का समय तीन से पांच मिनट होगा।

एससीईआरटी निदेशक संजय सिन्हा ने इस बाबत सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों और डायट प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिया है। प्रतियोगिता जिला और राज्य स्तर पर आयोजित की जाएगी। कहानी प्रतियोगिता के लिए ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों का पंजीकरण किया जाएगा। 20 से अधिक पंजीकरण होने पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रतिनिधि की मौजूदगी में प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी और 20 शिक्षकों का चयन ब्लॉक स्तर पर किया जाएगा। ब्लॉक स्तर पर चयनित शिक्षकों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन डायट करेगा। डायट स्तर पर 10 महिला व पुरुष शिक्षकों का चयन जिले के श्रेष्ठ कहानी विधा के शिक्षक के रूप में किया जाएगा। चयनित शिक्षकों को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। जिला स्तर पर चयनित दो श्रेष्ठ शिक्षकों को दूसरे चरण में सितंबर के अंतिम सप्ताह में एससीईआरटी कार्यालय में आमंत्रित किया जाएगा और उन्हें वास्तविक कक्षा में कहानी सुनाने की कला का प्रदर्शन करना होगा जिसका मूल्यांकन चयन समिति करेगी। राज्य स्तर पर चुने गए श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतियोगिता के वीडियो एससीईआरटी की वेबसाइट पर अपलोड किये जाएंगे। गौरतलब है कि एससीईआरटी ने पिछले वर्ष से यह प्रतियोगिता शुरू की है।’कहानी प्रतियोगिता में शिरकत करेंगे अध्यापक1’बच्चों को सिखाने-समझाने के लिए किस्सागोई का सहारा1

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