यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में
सिर्फ विषयों के विज्ञापन व अर्हता में ही अंतर नहीं है, बल्कि चयन की पूरी
प्रक्रिया ही अलग-अलग तरह से चल रही है।
योगी सरकार ने राजकीय कालेजों की
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का चयन लिखित परीक्षा से करा रही है। मेरिट व
साक्षात्कार कर दिया गया है। वहीं, दूसरी ओर अशासकीय माध्यमिक कालेजों के
एलटी ग्रेड के समकक्ष स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी का चयन लिखित परीक्षा व
साक्षात्कार के जरिए हो रहा है।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर राजकीय कालेजों की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती
उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपी पीएससी के जरिए कराई जा रही है। इसके लिए
ऑनलाइन आवेदन लिए जाने से लेकर अब तक अभ्यर्थी कंप्यूटर, कला व हंिदूी आदि
विषयों में अर्हता बदलने की गुहार लगाते रहे लेकिन, हर स्तर पर उनकी अनसुनी
हुई। 1अभ्यर्थी हारकर हाईकोर्ट पहुंचे तब वहां से राहत मिली। उसमें भी
यूपी पीएससी कुछ विषयों में सिर्फ याचियों को ही परीक्षा में शामिल करने जा
रहा है। अब तक 2016 में मेरिट से एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन
करने वालों की सुधि नहीं ली गई है। उनकी याचिका हाईकोर्ट में लंबित है। यह
जरूर है कि सरकार ने इस भर्ती में साक्षात्कार खत्म कर दिया है।
ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार ने समूह ‘ग’ व ‘घ’ और समूह ‘ख’ के अराजपत्रित
पदों की भर्ती से इंटरव्यू खत्म करने का निर्णय लिया है लेकिन, एलटी ग्रेड
शिक्षकों की तरह ही अशासकीय कालेजों के स्नातक शिक्षकों की भर्ती में यह
नियम लागू नहीं किया गया है। भले ही पुरानी भर्तियां पुराने विज्ञापन हों
लेकिन, नई विज्ञापन के लिए भी स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया है।
इस संबंध में प्रतियोगी चयन बोर्ड में अध्यक्ष व अन्य से मिलकर कई बार
गुहार लगा चुके हैं। अब प्रतियोगी कह रहे हैं कि जिस तरह से चयन बोर्ड ने
बिना विषय वाले विज्ञापित पदों को निरस्त किया है, वैसे ही 2016 से ही
इंटरव्यू खत्म करने का भी एलान करे। इससे भर्तियों में भ्रष्टाचार पर
प्रभावी अंकुश लगेगा और चयन भी तेजी से होंगे। इस संबंध में चयन बोर्ड ने
चुप्पी साध ली है।
0 Comments