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दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में तीन के बजाय चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला

यूपी सरकार ने प्रदेश के 15 लाख राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों को दोगुने मकान किराया भत्ता (एचआरए) और नगर प्रतिकर भत्ता (सीसीए) देने के साथ ही दिव्यांगों को भी सौगात दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में तीन के बजाय चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया गया।

वर्तमान में दिव्यांगों को तीन प्रतिशत आरक्षण मिलता है। इसका फायदा पांच श्रेणी के दिव्यांगों को मिलेगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने नि:शक्तजन समान अवसर, अधिकार संरक्षण व पूर्ण भागीदारी अधिनियम 1995 के स्थान पर नि:शक्तजन अधिकार अधिनियम-2016 लागू किया है।

अधिनियम की धारा-34 में राज्य सरकार की सेवाओं में नियुक्ति के लिए दिव्यांगजनों के लिए चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। इसमें दिव्यांगता की 5 श्रेणियां भी शामिल की गई हैं। अब राज्य सरकार ने भी इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है। श्रेणी क, ख व ग में चिह्नित श्रेणी के दिव्यांगजनों को एक-एक प्रतिशत तथा श्रेणी घ व ड. के दिव्यांगजनों के लिए एक प्रतिशत आरक्षित होगा।

ये दिव्यांग पाएंगे लाभ
श्रेणी क- अंध व निम्न दृष्टि।
ख- बधिर और श्रवण शक्ति में ह्रास
ग- चलन दिव्यांगता जिसके तहत प्रमस्तिष्क घात, रोगमुक्त कुष्ठ, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित और पेशीय दुष्पोषण।
घ- स्वपरायणता, बौद्धिक व विशिष्ट अधिगमदिव्यांगता और मानसिक अस्वस्थता।
ड.- खंड क से खंड घ के अधीन व्यक्तियों में से बहु दिव्यांगता जिसके तहत प्रत्येक दिव्यांगता के लिए पहचान किए गए पदों में बधिर, अंधता भी है।
फायरमैन पद भर्ती के लिए अब इंटर पास होना जरूरी
प्रदेश सरकार ने अग्निशमन सेवा में फायरमैन पद पर भर्ती के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता में बदलाव कर दिया है। अब शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट कर दी गई है। इसके लिए 'अग्निशमन सेवा अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारी सेवा नियमावली-2016' में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

अब तक इस पद के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल थी, लेकिन इस पद पर भर्ती उप्र. पुलिस आरक्षी के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के तहत कही गई है। पुलिस आरक्षियों के लिए शैक्षिक अर्हता इंटरमीडिएट है।

नियमावली की इस विसंगति से फायरमैनों की भर्ती नहीं हो पा रही थी। इसके मद्देनजर सरकार ने नियमावली संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे फायरमैन पर भर्ती में आ रही तकनीकी अड़चन दूर हो गई है।
उदय योजना के कामों की ऋण गारंटी लेगी सरकार
बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार की उदय योजना के कामों के लिए पावर कॉर्पोरेशन व बिजली कंपनियों द्वारा लिए जाने वाले ऋण की गारंटी राज्य सरकार लेगी। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

उदय योजना के तहत प्रदेश में बिजली व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पावर कॉर्पोरेशन व उसके नियंत्रण वाली बिजली कंपनियों को वित्तीय संस्थाओं से 4722 करोड़ रुपये का ऋण लेना है। इसकी गांरटी को लेकर दिक्कत आ रही थी।

इसके मद्देनजर सरकार ने तय किया है कि पूर्व में लिए गए और भविष्य में लिए जाने वाले ऋणों की गारंटी राज्य सरकार लेगी जिससे बिजली सुधार के कामों को पूरा कराया जा सके।
अनपरा में एफजीडी प्लांट लगाने को मंजूरी

प्रदेश के सभी तापीय बिजली घरों को पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से तैयार करने के लिए फ्यूल गैस डीसल्फराइजिंग (एफजीडी) प्लांट लगाने का फैसला हुआ है। कैबिनेट ने सबसे पहले इस प्लांट को 1000 मेगावाट क्षमता की अनपरा 'डी' तापीय परियोजना में लगाने की मंजूरी दी है।

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पर्यावरण मंत्रालय की 7 दिसंबर 2015 को जारी अधिसूचना में पर्यावरण के नए मानकों के अनुरूप देश भर की तापीय इकाइयों को तैयार करने की बात कही गई है। तापीय इकाइयों को सल्फर डाई ऑक्साइड की मात्रा 600 एमजी/एनएम पॉवर 3 तक सीमित रखनी है। इसके लिए सरकार ने सबसे पहले अनपरा डी में एफजीडी प्लांट की स्थापना व परामर्शी खर्च को मंजूरी दी है।

उन्होंने बताया कि इस पर 640.40 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। खर्च का 20 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी। शेष खर्च उत्पादक कंपनी उठाएगी। इसके टेंडर से जुड़ी कार्यवाही चल रही है। इस प्लांट की स्थापना का काम डेढ़ साल में पूरा होगा। उन्होंने बताया कि 2022 तक प्रदेश की सभी तापीय इकाइयों में इस प्लांट की स्थापित करने की योजना है।
बुंदेलखंड पैकेज के लिए केंद्र से मांगे 4714 करोड़
प्रदेश कैबिनेट के नियोजन व पर्यटन विभाग ने 2017-18 में विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत एकमुश्त बजट प्रावधान वाले खर्चों का विस्तृत ब्योरा पेश किया। नियोजन विभाग ने बुंदेलखंड पैकेज के बारे में बताया कि इसकी अवधि 2016-17 में खर्च हो गई थी। प्रदेश सरकार ने 2021-22 तक इसका विस्तार करते हुए केंद्र सरकार को 4714.64 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था।

केंद्र सरकार ने इसके अंतर्गत 2017-18 के अंतर्गत मार्च 2018 में 917.20 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत करते हुए रकम जारी की। विभाग ने इसमें बांदा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में केन नदी से सिंचाई सुविधा परियोजना से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए 18.75 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां जारी की। इसी तरह पर्यटन विभाग ने भी अपने काम बताए हैं।

नेपाल बार्डर के सीमावर्ती जिलों में 77 करोड़ के विकास कार्य
नियोजन विभाग ने बार्डर एरिया डवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 2017-18 में 88.66 करोड़ के उपलब्ध बजट में से 77 करोड़ 52 लाख 20 हजार रुपये खर्च किए। इस प्रोग्राम के अंतर्गत नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले सात जिलों खीरी, बहराइच, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती महाराजगंज व बलरामपुर में सड़क, बिजली, पानी, शौचालय, स्कूल, अस्पताल, बिजली सब स्टेशन जैसे विकास से जुड़े सभी प्रमुख काम किए जाते हैं।

2017-18 में विधायकों ने लगवाए 50,300 हैंडपंप
2017-18 में त्वरित आर्थिक विकास योजना से प्रदेश में विधायकों की संस्तुति पर 50300 हैंडपंप लगाने के लिए 226.35 करोड़ रुपये खर्च हुए। हर विधायक की संस्तुति पर 100-100 हैंडपंप लगे। इसके अलावा बुंदेलखंड के सूखे के मद्देनजर राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत 14 पाइप पेयजल परियोजनाओं के अधूरे काम को पूरा करने के लिए 83.18 करोड़, बिजली की बेहतर आपूर्ति के लिए 33.40 करोड़ और मिर्जापुर व सोनभद्र की 21 पाइप पेयजल परियोजनाओं के लिए 22.01 करोड़ खर्च किए गए।

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