69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट जाएंगे असंतुष्ट परीक्षार्थी, परीक्षार्थियों की मांग,शिक्षक भर्ती गड़बड़ी की जांच पूरे प्रदेश में की जाए

69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में धांधली को जांच को लेकर सबाल उठने लगे हैं। परीक्षा बाले दिन प्रयागराज के अलावा लखनऊ, कानपुर एवं मुरादाबाद से भी सॉल्चर गिरोह पकड़ा गया था, जबकि एसटीएफ जांच का दायरा सिर्फ प्रयागराज  तक ही सीमित है। एसटीएफ ने अभी तक इन तीन जिलों को जांच में शामिल नहीं किया है, इससे असंतुष्ट परीक्षार्थी अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

छह जनवरी 2019 को सहायक भर्ती परीक्षा के दौरान दूसरे की जगह परीक्षा देने में 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। प्रयागराज में भी नकल कराने वाला पूरा गिरोह पकड़ा गया था।गिरोह के इन लोगों के तार कौशाम्बी, प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, बिहार के आरा जिले से जुड़े मिले थे, जबकि परीक्षार्थियों को झूंसी, नैनो, करेली सहित दूसरे परीक्षा केंद्रों से पकड़ा गया था। वहीं इसी दिन दूसरी ओर लखनऊ में नकल कराने में एक प्रधानाचार्य, पांच कक्ष निरीक्षकों तथा दो परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया था। मिर्जापुर के एक स्कूल में

 परीक्षार्थी सॉल्व कॉपी के साथ पकड़ी गई थी। आजमगढ़ में दूसरे की जगह परीक्षा देते , इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ एक-एक अभ्यर्थी को पकड़ा गया था। आगरा में राजस्थान के अलवर से आए सॉल्वर को पुलिस ने पकड़ा था। परीक्षा के बाद से आंदोलन चला रहे आइसा के सुनील मौर्य का कहना है कि मुरादाबाद और मेरठ में सबसे अधिक गड़बड़ी हुई थी, एसटीएफ को वहां जांच पर फोकस करके जालसाजों को पकड़ना चाहिए। सरकार की जांच से असंतुष्ट परीक्षार्थी जल्द ही नकल के मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करने जा रहे हैं।