मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक भर्ती में धांधली के मामले सामने आने के बाद कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने रविवार को अफसरों को निर्देश दिए कि सभी शिक्षकों के शैक्षिक व अन्य दस्तावेजों की जांच की जाए। उन्होंने इसके लिए एक टीम के गठन के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बेसिक शिक्षा विभाग पहले से ही मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से प्रमाणपत्रों का सत्यापन करवा रहा है। मुख्यमंत्री के आदेश के क्रम में सोमवार को आदेश जारी किया जा सकता है। मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड लगभग 5 लाख शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों पर शिक्षकों को अपना ब्योरा चेक करके आपत्ति करनी है और इसे सही करवाना है। जून की शुरुआत में ही प्रधानाध्यापकों की ड्यूटी लगाकर इस ब्योरे का सत्यापन कर लॉक करने के निर्देश दिए गए थे।
पोर्टल पर उपलब्ध शिक्षकों के ब्योरे को अभी लगभग एक लाख शिक्षकों ने ही चेक किया है जबकि विभाग में 5 लाख से ज्यादा शिक्षक हैं। माना जा रहा है कि जिन भी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा होगा, वह सत्यापन कराने से बचेगा। बीते दिनों कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में काम कर रहे शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश हो चुके हैं। केजीबीवी में 5 हजार से ज्यादा संविदाकर्मी काम करते हैं। एसटीएफ व एसआईटी अलग-अलग मामलों में जांच कर रही है और इस क्रम में 1700 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बेसिक शिक्षा विभाग पहले से ही मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से प्रमाणपत्रों का सत्यापन करवा रहा है। मुख्यमंत्री के आदेश के क्रम में सोमवार को आदेश जारी किया जा सकता है। मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड लगभग 5 लाख शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों पर शिक्षकों को अपना ब्योरा चेक करके आपत्ति करनी है और इसे सही करवाना है। जून की शुरुआत में ही प्रधानाध्यापकों की ड्यूटी लगाकर इस ब्योरे का सत्यापन कर लॉक करने के निर्देश दिए गए थे।
पोर्टल पर उपलब्ध शिक्षकों के ब्योरे को अभी लगभग एक लाख शिक्षकों ने ही चेक किया है जबकि विभाग में 5 लाख से ज्यादा शिक्षक हैं। माना जा रहा है कि जिन भी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा होगा, वह सत्यापन कराने से बचेगा। बीते दिनों कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में काम कर रहे शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश हो चुके हैं। केजीबीवी में 5 हजार से ज्यादा संविदाकर्मी काम करते हैं। एसटीएफ व एसआईटी अलग-अलग मामलों में जांच कर रही है और इस क्रम में 1700 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।
माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई जाए। -योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री