दो साल पहले निकली पूर्व प्राथमिक शिक्षक भर्ती (एनटीटी) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कुल 1350 पदों के लिए हुई इस भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले 850 अभ्यर्थियों की डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। महिला बाल विकास विभाग की जांच कमेटी ने इन्हें अयोग्य मानकर बाहर कर दिया है। एक साल पहले नतीजे आने के बाद से चल रही सत्यापन प्रक्रिया में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
एक
साथ इतनी बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां आने के बाद विभाग के अफसराें ने
अंदेशा जताया कि प्रदेश में काेई गिराेह सक्रिय है, जाे माेटी रकम लेकर
मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयाें के नामाें से मिलते-जुलते नाम का लाेगाे
बनाकर फर्जी डिग्रियां बांट रहा है। ऐसे गिराेह की पहचान करके कार्रवाई के
लिए विभाग ने एसओजी काे लिखा है। एसओजी जल्द ही अभ्यर्थियाें से पूछताछ
करेगी।
जो कॉलेज अपने नाम से डिग्रियां देते भी नहीं हैं, उनके नाम की भी डिग्रियां मिलीं
कमेटी
ने जांच की ताे सामने आया कि सैकड़ों छात्राें ने अन्य राज्याें में
संचालित काॅलेजों के नाम से ही डिग्रियां बनाकर पेश कर दीं। जबकि उस काॅलेज
के नाम से तो डिग्रियां दी ही नहीं जातीं। काॅलेज का जिस विश्वविद्यालय से
संबंध है उस विश्वविद्यालय की डिग्री मिलती है। कमेटी ने जांच की ताे कई
काॅलेजों का ताे अस्तित्व ही नहीं मिला।
भास्कर ने सबसे पहले बेनकाब किया था डिग्रियों का फर्जीवाड़ा
- 2018 में पूर्व प्राथमिक शिक्षक भर्ती (एनटीटी) निकाली गई।
- इसमें 1350 पदों पर नियुक्तियां होनी थीं
- करीब 24 हजार आवेदन आए।
- 24 फरवरी 2019 को परीक्षा हुई।
- इसमें 17 हजार अभ्यर्थियों ने भाग लिया।
- 31 जुलाई 2019 को कर्मचारी चयन बोर्ड ने परीक्षा परिणाम जारी किया।
- तत्कालीन नियम के मुताबिक कुल पदों के डेढ़ गुना अभ्यर्थियों यानी 1955 के दस्तावेज सत्यापन के लिए सूचीबद्ध किए गए।
- इनमें से 1638 अभ्यर्थी पहुंचे।
- 3 सितंबर से 18 सितंबर 2019 तक महिला एवं विकास विभाग ने दस्तावेज सत्यापन का काम पूरा किया।
- 10 नवंबर 2020 को अंतिम परिणाम जारी हुआ।
- इसमें सिर्फ 504 योग्य अभ्यर्थियों की ही नियुक्ति की सिफारिश की गई।
- बाकी 1134 में से 850 अभ्यर्थियों की डिग्रियां फर्जी पाई गईं।
- अब 846 खाली पदों के लिए 2055 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए सूचीबद्ध किया जाना है।
वेटिंग में रहे छात्रों का 14 से दस्तावेज सत्यापन, इस बार नियमों में ज्यादा सख्ती होगी
एक साथ 60 प्रतिशत से ज्यादा अभ्यर्थियाें के अपात्र पाए जाने के बाद अधीनस्थ चयन बाेर्ड ने वेटिंग लिस्ट जारी की है। इसमें 14 से 29 दिसंबर तक दस्तावेजाें की जांच की जाएगी। इस बार विभाग ने अभ्यर्थियाें से एनटीटी संस्थान में प्रवेश दिनांक का प्रमाण पत्र और उपस्थिति पत्र क्रमांक भी संस्थान से सत्यापित करवाया हुआ मांगा है।
लाइब्रेरियन भर्ती में भी फर्जी डिग्रियां लेकर फॉर्म भरे गए...मंत्री ने मुख्य सचिव काे लिखा पत्र
एनटीटी भर्ती में अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी डिग्रियां लेने का मामला सामने आने के बाद महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने लाइब्रेरियन भर्ती में भी फर्जी डिग्रियां लेकर फॉर्म भरने की आशंका जताई है। उन्होंने मंगलवार को इसकी जांच के लिए मुख्य सचिव काे पत्र लिखा है।को पत्र भी लिखा है। इसमें कहा है कि पुस्तकालय ग्रेड थर्ड की भर्ती परीक्षा 2018 में ईडब्ल्यूएस काे दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के चलते दाेबारा आवेदन मांगे जाने पर आवेदनाें की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
यह फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए जाने की ओर इशारा करता है। जिस तरह से एनटीटी की भर्ती परीक्षा में कई अभ्यर्थियाें की बाहरी राज्याें से प्राप्त डिग्रियां जांच में फर्जी पाई गई थी। उसी तरह से पुस्तकालय भर्ती में भी डिग्रियों की उच्च स्तरीय जांच कमेटी या एसओजी से जांच कराई जाए।