कोरोना काल में परिषदीय स्कूलों में पठन पाठन ऑनलाइन कराने के निर्देश हैं। बच्चों को मिड डे मील की कन्वर्जन कास्ट व अनाज घर से बुलाकर दिया गया। पुस्तकों का भी वितरण जैसे तैसे करा दिया गया। इस सत्र में नव प्रवेशी छात्रों को अब तक स्कूल बैग नहीं दिया जा सका है। इसी तरह जूतों का भी वितरण बच्चों को करना है, जो नहीं हो सकता है।
बीएसए संजय कुशवाहा ने बताया कि जिले में चार लाख सोलह हजार बच्चे हैं। सभी को जूतों का वितरण किया जाना है। इसके लिए टेंडर जारी हो चुका है। सप्लाई करने वाली फार्म का भी निर्धारण हो चुका है। उम्मीद है जनवरी में आपूर्ति करने वाली फार्म जिला मुख्यालय पर सप्लाई दे देगी। उसके बाद फरवरी तक सभी विकासखंड में भी जूते भेज दिए जाएंगे और बच्चों को भी उसका वितरण हो जाएगा।
नव प्रवेशी बच्चों को ही मिलेगा बस्ता
बस्तों के वितरण के संबंध में बेसिक शिक्षाधिकारी ने बताया कि बस्ते सभी बच्चों को नहीं दिये जाते हैं। उन्हीं बच्चों को बस्ते मिलेंगे जिन्होंने विद्यालय में नया प्रवेश लिया हो। सत्र बीतने तक बस्ता न मिलने के सवाल पर कहा कि कोरोना के कारण चीजें इस बार अस्त व्यस्त थीं जिसकी वजह से व्यवधान आया। जल्द ही वितरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसी क्रम में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि बहादुरपुर ब्लाक में 23 हजार 33 बच्चे हैं। सभी को ड्रेस वितरण हो चुका है। जैसे ही मुख्यालय से जूते प्राप्त हो जाएंगे बच्चों को भी वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।