बिटिया के लिए बचाएं पैसा - सुकन्या समृद्धि योजना में मिल रहा है 9.1 फीसद का ब्याज

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने एक लघु बचत योजना शुरू की है। यह योजना बच्चियों की उच्च शिक्षा और शादी पर होने वाले खर्च की जरूरत को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए डाकघर या अधिसूचित बैंक की अधिकृत शाखा में जाकर ‘सुकन्या समृद्धि खाता’ खुलवाना होगा। कोई भी माता-पिता अपनी 10 साल तक की बेटी का यह खाता खुलवा सकता है।
देशभर के डाकघरों में यह योजना दो फरवरी से शुरू हो चुकी है। डाक विभाग ने 31 मार्च तक एक करोड़ लघु बचत खाते खोलने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल इस योजना में 9.1 फीसद का ब्याज मिल रहा है। अन्य बचत योजनाओं की तुलना में यह ब्याज काफी आकषर्क है। लोगों को इस योजना की ओर प्रोत्साहित करने के लिए कई विशेष आफर दिए गए हैं। ऐसे में अपनी लाडली बिटिया के उज्ज्वल भविष्य के लिए उसका ‘सुकन्या समृद्धि खाता’ जरूर खुलवाएं।
 
क्या है योजना
 
सुकन्या समृद्धि खाता बिटिया के जन्म के समय या फिर 10 साल की उम्र तक खुलवाया जा सकता है। इस योजना के तहत एक बेटी के नाम से एक ही खाता खोला जा सकता है। यदि आपकी दो बेटियां हैं तो दोनों का अलग-अलग खाता खुलवाया जा सकता है। इस योजना में परिवार में दो से अधिक बेटियों के खाते नहीं खोले जा सकते। हालांकि जुड़वां बेटियां होने की स्थिति में संबंधित प्रमाण पत्र देकर तीसरा खाता खुलवाया जा सकता है। बेटी की 10 वर्ष तक की आयु होने तक सुकन्या समृद्धि खाते का संचालन, माता, पिता या अन्य अभिभावक करेंगे। इसके बाद बालिका अपने खाते का संचालन स्वयं कर सकेगी। खास बात यह है कि इस खाते को देशभर में कहीं भी स्थांनांतरित कराया जा सकता है।
 
कैसे खुलवाएं खाता
 
 खाता खुलवाने के लिए अभिभावक को डाकघर अथवा बैंक में जाकर बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र देना होगा। इसके अलावा अभिभावक को अपना फोटो, पता एवं पहचान का प्रमाण पत्र जमा कराना होगा। खाता खुलवाने के लिए न्यूनतम राशि 1000 रुपए निर्धारित की गई है। इसके आगे 100 रुपए के गुणांक में पैसे जमा कराए जा सकते हैं। इस खाते में एक साल के दरम्यान अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं। इस रकम को किस्तों में भी जमा किया जा सकता है। एक वित्त वर्ष के दौरान इस खाते में कम से कम 1000 रुपए जरूर जमा कराने होंगे। यह राशि खाता खोलने से लेकर 14 साल तक नियमित रूप से जमा करानी होगी। यदि किसी खाते में नियमित रूप से न्यूनतम राशि जमा नहीं कराई गई है तो उस पर 50 रुपए की पेनाल्टी लगेगी। 
 
आकषर्क ब्याज
 
इस योजना में निश्चित ब्याज दर का प्रावधान नहीं किया गया। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए इस खाते पर 9.1 फीसद ब्याज देने की घोषणा की है। पीपीएफ खाते की तरह इस योजना में सरकार हर साल वित्त वर्ष शुरू होने से पहले ब्याज दर घोषित करेगी। ब्याज की गणना सालाना चक्रवृद्धि आधार पर की जाएगी। खाते में जमा मूल रकम और ब्याज का ब्योरा देने के लिए खाता खोलने के समय एक पासबुक दी जाएगी। इस पासबुक पर बच्ची की जन्मतिथि, खाता खोलने की तिथि, खाताधारक का नाम व पता दर्ज होगा।  बैंक के बचत खाते की तरह सुकन्या समृद्धि खाते की पासबुक को भी समय-समय पर अपडेट करा सकते हैं।
 
धन की निकासी
 
सुकन्या समृद्धि खाता 21 वर्ष पूरे होने के बाद ही परिपक्व होगा। हालांकि  बिटिया के 18 वर्ष की होने पर इस खाते में जमा कुल राशि में से 50 फीसद रकम उसकी उच्च शिक्षा अथवा शादी के लिए निकाली जा सकती है। खाते में जमा पूरी रकम इस खाते के परिचालन के 21 साल पूरे होने पर निकाली जा सकती है। यदि बेटी का विवाह खाते की 21 वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले हो जाता है तो विवाह की तिथि के बाद खाते के संचालन की अनुमति नहीं होगी। इस स्थिति में यह खाता पहले ही बंद कराया जा सकता है। इसके लिए खाताधारक को एक शपथ पत्र देना होगा कि खाता बंद कराने की तिथि के दिन उसकी आयु 18 साल से अधिक है। सरकार ने यह शर्त इसलिए लगाई है ताकि अभिभावक अपनी बेटी की शादी 18 वर्ष से पहले न करें।
 
आयकर में राहत
 
सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर आयकर की धारा 80सी के तहत कर छूट का प्रावधान किया गया है। हालांकि इस खाते में मिलने वाला ब्याज आयकर के दायरे में आएगा। इस आमदनी पर आयकर की दर खाताधारक के टैक्स स्लैब पर निर्भर करेगी। माना जा रहा है कि आगामी बजट में सरकार पीपीएफ की तरह इस योजना में मिलने ब्याज को भी टैक्स फ्री कर सकती है। इसके बाद इस योजना का आकषर्ण और भी बढ़ जाएगा।