राजधानी में खुलेंगे तीन मॉडल स्कूल

‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर होगा दाखिला
लखनऊ(ब्यूरो)। अगले महीने से राजधानी में खुलने वाले तीन मॉडल स्कूलों में दाखिले पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होेंगे।शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए मॉडल के रूप में खोले गए स्कूलों में फिलहाल कक्षा छह से नौ तक की कक्षाएं चलेंगी। अगले साल से इनमें दसवीं की पढ़ाई भी शुरू होगी।
ये विद्यालय केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खोले गए हैं। स्कूल में दाखिले को लेकर मारामारी न मचे इसलिए पहले आओ-पहले दाखिला पाओ की प्रणाली अपनाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
राजधानी के मोहनलालगंज, गोसाईगंज और काकोरी विकास खंडों सहित पूरे प्रदेश में 193 मॉडल स्कूल खोले गए हैं। अप्रैल से ये विद्यालय शुरू हो जाएंगे। विद्यालय में पढ़ाने के लिए टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
अब इन स्कूलों में दाखिले की तैयारी है। केंद्र सरकार की ओर से मॉडल स्कूलों में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को वरीयता देने के साथ ही स्टूडेंट्स का प्रवेश मेरिट के आधार पर लेने के निर्देश हैं।
निशुल्क एवं बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 केअनुसार छह से 14 आयु वर्ग के बच्चों का दाखिला बगैर किसी प्रवेश परीक्षा या मेरिट के किया जाना है। जवाहर नवोदय विद्यालय को इस प्रावधान से छूट दी गई है।
ऐसे में फिलहाल दाखिला बगैर किसी मेरिट या प्रवेश परीक्षा के करने बजाय पहले आओ-पहले पाओ आधार पर करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
बिना शिक्षक कैसे बनेंगे मॉडल
अप्रैल से राजधानी के तीनों मॉडल स्कूल शुरू होने हैं पर अभी तक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं है। ऐसे में मॉडल स्कूल का हाल भी आरएमएस (राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान) के स्कूलों जैसा न होने की आशंका जताई जा रही है। शैक्षिक सत्र 2014-15 में राजधानी में आरएमएसए के तहत 18 नए स्कूल खोले गए हैं। इन स्कूलों में केवल एक-एक शिक्षक की ही तैनाती है।



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