UPTET में 38 हजार अभ्यर्थी ‘हिट विकेट’ : ओएमआर शीट न भरने की वजह से परीक्षा से बाहर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2015 में इस बार 38 हजार अभ्यर्थी ‘हिट विकेट’ हो गए हैं। यानी उन्होंने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार ली। युवा अपनी ओएमआर शीट सलीके से नहीं भर सके। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुए बिना ही वह रेस से बाहर से हो गए।
चौंकाने वाली बात यह है कि उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए परीक्षा देने वाले ऐसे युवाओं की तादाद प्राथमिक की अपेक्षा चार गुना अधिक रही है।
टीईटी 2015 में प्राथमिक विद्यालयों के लिए दो लाख 58 हजार 372 युवाओं ने पंजीकरण कराया था, उनमें से दो लाख 37 हजार 620 परीक्षा में बैठे। इनमें महज 17 फीसद युवा उत्तीर्ण हुए। एनआइसी लखनऊ ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को परिणाम जारी करने के बाद जो रिपोर्ट सौंपी है वह दिलचस्प है। इसमें 4242 ऐसे युवा हैं जिन्होंने अपनी ओएमआर शीट में उत्तर पुस्तिका का सीरियल नंबर यानी क्रमांक नहीं भरा। वहीं 3628 युवा ऐसे थे जिन्होंने ओएमआर शीट में भाषा का कॉलम काला नहीं किया।
इस बार टीईटी में भले ही अलग से भाषा का प्रश्नपत्र नहीं था, लेकिन जिस भाषा के सवालों का जवाब देना था उस गोले को काला किया जाने का निर्देश था। ऐसे ही उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए छह लाख 71 हजार 796 युवाओं ने पंजीकरण कराया था, उनमें से छह लाख 22 हजार 437 परीक्षा में बैठे। इनमें से 5801 युवा ऐसे थे जिन्होंने ओएमआर शीट में सीरियल नंबर नहीं डाला। 7941 ऐसे युवा थे जिन्होंने भाषा का उल्लेख नहीं किया। 16 हजार 811 अभ्यर्थी ऐसे थे, जिन्होंने उत्तर पुस्तिका के ए, बी, सी और डी सीरीज में से किसी एक का अंकन ओएमआर शीट में नहीं किया। इन कमियों के कारण उनकी ओएमआर शीट का मूल्यांकन ही नहीं किया गया। युवा इसके लिए कक्ष निरीक्षकों को दोषी मानते हैं।
null
अंग्रेजी का उत्तीर्ण प्रतिशत बेहतर : प्राथमिक विद्यालयों के लिए अंग्रेजी भाषा को लेकर परीक्षा देने वाले युवाओं की सफलता का ग्राफ सबसे अधिक रहा। अंग्रेजी भाषा की परीक्षा 72 हजार 283 युवाओं ने दी थी उनमें से 28 हजार 393 यानी 39.28 फीसद सफल रहे। ऐसे ही संस्कृत भाषा की परीक्षा देने वालों की तादाद काफी अधिक एक लाख 54 हजार 18 रही, लेकिन सफल 29 हजार 983 यानी 19.47 फीसद हो सकें। वहीं, उर्दू के लिए 11 हजार 319 ने परीक्षा दी और केवल 686 यानी 6.06 फीसद सफल हो पाए। उच्च प्राथमिक विद्यालय की भाषा परीक्षा में संस्कृत सबसे आगे रही। दो लाख 27 हजार 794 युवाओं ने परीक्षा दी और 42 हजार 286 यानी 18.56 फीसद सफल रहे। ऐसे ही अंग्रेजी में तीन लाख 84 हजार 782 ने परीक्षा दी और 44 हजार 133 यानी 11.47 फीसद सफल हुए। उर्दू की परीक्षा में 9861 शामिल हुए, उनमें 934 यानी 9.47 फीसद सफल हो पाए हैं।
Sponsored links :
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC