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दो लाख वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देगी सरकार, अपने चुनावी वादे को पूरा करेगी अखिलेश सरकार

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए अखिलेश सरकार प्रदेश के मान्यताप्राप्त माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों के लगभग दो लाख शिक्षकों को मानदेय देने जा रही है।
इस बारे में माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर गुरुवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में मुहर लग सकती है।1माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जुलाई 2013 तक नियुक्त शिक्षकों को मानदेय देने की संस्तुति की है। शिक्षकों को मानदेय का भुगतान पद के हिसाब से किया जाएगा। मानदेय पाने वाले शिक्षकों की चार श्रेणियां होंगी। इनमें हाईस्कूल के सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य और इंटरमीडिएट विद्यालयों के प्रवक्ता व प्रधानाचार्य शामिल हैं। इस हिसाब से शिक्षकों को पद के हिसाब से 1000 से 1300 रुपये तक मासिक मानदेय मिलेगा। प्रस्ताव के मुताबिक मानदेय भुगतान के लिए शिक्षकों की संख्या राजकीय माध्यमिक विद्यालय के मानक के आधार पर तय की जाएगी। समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में मान्यताप्राप्त माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय देने की घोषणा की थी। वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय के भुगतान के लिए राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में 200 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। मानदेय भुगतान की मांग पर अड़े वित्तविहीन शिक्षकों ने पिछले महीने एक हफ्ते माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में तालाबंदी की थी। 1युवा नीति को मिल सकती है मंजूरी: चुनावी साल में समाजवादी सरकार ‘उत्तर प्रदेश युवा नीति-2016’ को मंजूरी देने को तैयार है। गुरुवार को अखिलेश यादव की अगुवाई में होने वाली कैबिनेट में इस नीति को मंजूरी दी जा सकती है।
नीति पर मंजूरी की मुहर लगी तो नियोजन विभाग को अलग से युवा सेल बनाना होगा जो 26 विभागों द्वारा युवा कल्याण पर खर्च राशि की निगरानी करेगा और आवश्यकता के आधार पर विभागों को सुझाव भी देगा।1उत्तर प्रदेश में पहली बार युवा नीति तैयार की है, जिसमें 18 से 35 साल तक के लोगों को शामिल किया गया है जिसका लाभ राज्य की 39 फीसद आबादी को होगा। सूत्रों का कहना है कि युवा नीति का जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव युवा कल्याण, नियोजन, वित्त विभाग के अधिकारियों को शामिल करते हुए राज्य समिति गठित करने की बात है। नीति में 11 उद्देश्य बनाये गए हैं। मसलन इस वर्ग के लोगों को खेलकूद की सुविधा बढ़ाने, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबी बनाने की योजना है। नीति का प्रत्येक पांच साल में पुनरीक्षिण किया जाएगा। नीति में युवकों की शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की कार्य योजना भी है। युवकों को सामाजिक न्याय दिलाने की बात भी इस नीति में शामिल की गई है। अगर कैबिनेट ने इस नीति को मंजूरी प्रदान की तो युवकों के विभिन्न क्षेत्रों में विकास का मौका मिलेगा।

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