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ललितपुर। बीएसए कार्यालय में प्रशासनिक कार्रवाई मजाक सी बन गई है। पिछले दिनों कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय बार की एक सहायक अध्यापिका का प्रशासनिक स्थानांतरण संशोधित कर उसे नगर के करीब तैनाती दे दी गई है, जो शिक्षकों में चर्चा का विषय है।
परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक माहौल बनाने का
प्रयास किया जा रहा है। लेकिन, तमाम विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाओं का
आपसी झगड़ा एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ब्लाक बार का कन्या पूर्व
माध्यमिक विद्यालय तत्कालीन दो बीएसए के दौरान सुर्खियों में बना रहा।
लेकिन, इसका निपटारा नहीं हो सका। बीते दिनों बीएसए संतोष कुमार राय ने
शिक्षकों के आपसी झगड़े को सुलझाने के लिए इस विद्यालय की एक शिक्षिका व एक
शिक्षक का प्रशासनिक स्थानांतरण कर दिया। शिक्षिका को जहां ब्लाक बार के
जरावली स्कूल में तैनाती दी गई तो दूसरे शिक्षक को कन्या पूर्व माध्यमिक
विद्यालय सलैया स्कूल भेज दिया गया। यही नहीं, सलैया स्कूल के विवाद को
निपटाने के लिए यहां की शिक्षिका को पटउवा व दूसरे शिक्षक को कन्या पूर्व
माध्यमिक विद्यालय बार में भेजा गया है।
दोनों पर आरोप है कि विद्यालय में झगड़ने से पढ़ाई का माहौल नहीं बन पा रहा है और बच्चों पर भी गलत असर पड़ रहा है। इस आधार पर प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। लेकिन, जिस तरह से शिक्षिका का स्थानांतरण नगर के आठ किलोमीटर के दायरे में उच्च प्राथमिक विद्यालय रोड़ा में किया गया है, उससे प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। उधर, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष रविकांत ताम्रकार का कहना है कि प्रशासनिक कार्रवाई डीएम के अनुमोदन पर होती है तो क्या शिक्षिका का विद्यालय संशोधन आदेश डीएम के सहमति पर किया गया है। जैसे प्रशासनिक कार्रवाई में डीएम का अनुमोदन लिया गया, वैसे ही संशोधन आदेश में भी अनुमोदन से लेना चाहिए था।
इस मामले में स्थिति स्पष्ट होना चाहिए। इधर, गत दिवस ब्लाक जखौरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय किसलवास की शिक्षिकाओं का झगड़ा बीईओ के समक्ष आया। इसी ब्लाक के दो सह समन्वयकों का झगड़ा कोतवाली पहुंच गया। इन मामलों में भी प्रशासनिक कार्रवाई की जाती है या नहीं। यह चर्चा का विषय बन गया है।
महिला शिक्षिका की परिस्थिति को ध्यान में रखकर विद्यालय का संशोधन किया गया है। कहीं कोई गलत नहीं हुआ है।
संतोष कुमार राय, बीएसए ललितपुर
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दोनों पर आरोप है कि विद्यालय में झगड़ने से पढ़ाई का माहौल नहीं बन पा रहा है और बच्चों पर भी गलत असर पड़ रहा है। इस आधार पर प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। लेकिन, जिस तरह से शिक्षिका का स्थानांतरण नगर के आठ किलोमीटर के दायरे में उच्च प्राथमिक विद्यालय रोड़ा में किया गया है, उससे प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। उधर, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष रविकांत ताम्रकार का कहना है कि प्रशासनिक कार्रवाई डीएम के अनुमोदन पर होती है तो क्या शिक्षिका का विद्यालय संशोधन आदेश डीएम के सहमति पर किया गया है। जैसे प्रशासनिक कार्रवाई में डीएम का अनुमोदन लिया गया, वैसे ही संशोधन आदेश में भी अनुमोदन से लेना चाहिए था।
इस मामले में स्थिति स्पष्ट होना चाहिए। इधर, गत दिवस ब्लाक जखौरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय किसलवास की शिक्षिकाओं का झगड़ा बीईओ के समक्ष आया। इसी ब्लाक के दो सह समन्वयकों का झगड़ा कोतवाली पहुंच गया। इन मामलों में भी प्रशासनिक कार्रवाई की जाती है या नहीं। यह चर्चा का विषय बन गया है।
महिला शिक्षिका की परिस्थिति को ध्यान में रखकर विद्यालय का संशोधन किया गया है। कहीं कोई गलत नहीं हुआ है।
संतोष कुमार राय, बीएसए ललितपुर
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