भर्तियों से युवाओं में शिक्षक बनने की ललक , बीटीसी में अब ऑनलाइन काउंसिलिंग

प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में हो रही भर्तियों से युवाओं में शिक्षक बनने की ललक बढ़ी है। इसी बीच निजी कालेजों की बाढ़ आ गई है। वहां सीटें भरने एवं कटऑफ मेरिट से कम पर दाखिला देने या कटऑफ से अधिक
अंक वाले अभ्यर्थियों को बैरंग लौटाने की शिकायतें आम हो गई हैं।
हर साल तमाम प्रकरण न्यायालय की चौखट तक पहुंच रहे हैं। इसमें अभ्यर्थी तो परेशान होते ही हैं साथ ही विभाग की भी फजीहत हो रही है। परीक्षा नियामक कार्यालय हाईटेक हो चला है। अधिकांश प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आवेदन ऑनलाइन ही लिए जा रहे हैं।
 इसलिए परीक्षा नियामक बीटीसी के विवादों से भी पार पाने को बेकरार है। इसमें ऑनलाइन काउंसिलिंग सबसे उपयुक्त रास्ता नजर आया है, जो पारदर्शी भी है। 1ऑनलाइन काउंसिलिंग कराने का प्रस्ताव अक्टूबर में शासन को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि दिसंबर या फिर जनवरी में ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और फरवरी-मार्च में ऑनलाइन काउंसिलिंग से सारी सीटें भरकर अप्रैल 2017 से नया सत्र शुरू किया जाएगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि इस दिशा में तेजी से कार्य शुरू होगा।

प्रदेश के राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में बीएड में दाखिला पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन व काउंसिलिंग हो रही है। इसमें सीटें आसानी से और समय पर भर जाती हैं, केवल हर बार प्रवेश का दायित्व संभालने वाली संस्था बदल जाती है। बीटीसी में संस्था परीक्षा नियामक ही रहेंगी। बीएड के अलावा अन्य शैक्षिक पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दाखिला पाने के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग का प्रयोग करने वाली संस्थाओं का तरीका भी देखा जा रहा है। इनमें जो सबसे बेहतर होगा उसी के अनुरूप व्यवस्था दी जाएगी।
बेसिक टीचर्स सर्टिफिकेट (बीटीसी) में दाखिले से जुड़े विवादों की ‘मेजर सर्जरी’ होने जा रही है। बीटीसी 2016 से ऑनलाइन काउंसिलिंग कराए जाने की तैयारी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नया प्रस्ताव तैयार करा रही हैं। इसके लिए बीएड की काउंसिलिंग एवं अन्य मॉडल देखे जा रहे हैं कि बीटीसी के लिए सबसे बेहतर कौन होगा।

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