05 Oct : कुछ बातों से अवगत कराना आवश्यक : हिमांशु राणा

मित्रों जैसा कि सभी को विदित है कि नवरात्र के पावन सप्ताह कल से शुरू होने वाला है और इसी पावन सप्ताह के पाँचवे दिन अपने केस की तारीख़ लगी है तो उसी संदर्भ में आपसे संवाद स्थापित करना ज़रूरी है और कुछ बातों से आपको अवगत कराना आवश्यक है :-

1) पिछले आदेश के अनुसार हलफ़नामा क्या है?
अभी तक तो कुछ पता नहीं चला है लेकिन विशेष सूत्रों से जो पता चला है वो ये है कि सरकार आज भी 72825 के संदर्भ में पड़े रिक्त पदों को दर्शा रही है और कोर्ट से अनुग्रह कर रही है कि आप 90 से 83 कर दीजिए या जो पद रिक्त हैं उन्हें कन्वर्ट करने का आदेश दीजिए जिससे शेष रिक्त पद भरे जा सकें , जिसे लेकर शायद हमारे लिए कुछ नहीं है |
इस समस्या का निवारण जो आपसे हिमांशु राणा हमेशा से कहता आ रहा है कि जब तक शिक्षा मित्रों को बाहर नहीं किया जाएगा तब तक कुछ नहीं होगा तो संभावना है कि मुद्दा एक बार पुनः शिक्षा मित्रों के केस से टैग किया जाए लेकिन एक प्रयास ये किया जा सकता है कि अब तक हुई जितनी भी भर्तियाँ हैं सभी अंतरिम आदेश पर हैं और शिक्षा मित्र न्यूनतम अहर्ताओं को पूरा नहीं कर रहे हैं लेकिन फिर भी अगर न्यायालय उन्हें सुनना चाहता है तो अंतरिम तौर पर न्यायालय के द्वारा फ़रवरी में किए गए अंतरिम आदेश को अंतरिम रखते हुए सात दिसम्बर की तरह अनुपालन करने के लिए कहे और फिर पूर्व निर्धारित तिथि पर शिक्षा मित्र मुद्दे पर बहस कराए क्यूँकि टेट की वैधता भी समाप्ति की ओर है और बीटीसी की पर्याप्त संख्या नहीं है एक्ट के अनुपालन हेतु |
उपरोक्त मुद्दों से जुड़े पर्याप्त दस्तावेज़ मैं अग्रज महावीर भाई, आशीष भाई और राम कुमार जी को पकड़ा चुका हूँ बस दरकार है तो ये कि दस्तावेज़ों का उपयोग ठीक तरह से करें और मेटर को ऐसे AOR से कराएँ जो पूर विवादित मुद्दे को किसी वरिष्ठ के द्वारा ब्रीफ़ करा सकें |
उपरोक्त तो जो है वो है ही लेकिन चूँकि मुद्दा बोर्ड पर पहले नम्बर पर है तो हो सकता है पहले सिवल अपील को फ़ाइनल किया जाए उसके लिए मैं दोनो ओर के साथियों से कहूँगा कि तैयार रहें और साथ ही याची लाभ वाले अधिवक्ताओं के पैरवकारों जिसमें हम भी शामिल हैं ये ही आग्रह करूँगा कि शांति रखकर सिवल अपील पर बहस होने दें क्यूँकि तभी सर्व-जन हिताए की याचिकाओं का नम्बर भी आएगा सुनने का |
2) न्यायाधीश नागप्पन जी का retire होना?
आज कल एक चिंता का विषय है न्यायाधीश यूयू ललित साहब दीपक सर के साथ बैठ रहे हैं जिनके विषय में बस इतना कहूँ कि वहाँ आसान नहीं होगा बिना मेरिट पर बहस कराए कुछ पाना लेकिन अभी फ़ाइनल भी नहीं हैं कि हमारे केस में वही रहेंगे जिसका पता चार को लगेगा |
3) बीटीसी की याचिका का पिछली बार मार्क होना चिंता का विषय ज़रूर है लेकिन संख्या उतनी नहीं है कि वे शिक्षा मित्रों की संख्या के बराबर के आँकड़ों को छू सके लेकिन एक बात अवश्य कहूँगा पैरविकारो से कि आप उनका विरोध नहीं आप उन्हें साथ लेकर चलें वरना NCTE की ही न्यूनतम अहर्ताओं से हमारा विरोध किया जाएगा जिसका परिणाम कहीं सभी को भुगतना न पड़े |
4) एक बात ओर अभी उत्तराखंड उच्च न्यायालय से जो बिना टेट पास की ख़बर आ रही है कि बिना टेट उत्तीर्ण शिक्षा मित्र नहीं रखे जाएँगे वो न्यायाधीश सुधांशु धुलिया जी ने एक बार पहले बीटीसी वालों की तरफ़ से दाख़िल याचिका ख़ारिज की थी लेकिन एक बात अति-सोचनीय है कि अगर ये आदेश पारित भी हो जाता कि बिना टेट उत्तीर्ण शिक्षा मित्र केवल सेवा नहीं देंगे और नियमों को शिथिल करके टेट करा दिया गया तो हमारे हाथ क्या होगा? तभी हमेशा से इनकी ट्रेनिंग के और साथ में इनके टेट करने को लेकर चुनौती दी गयी याचिकाओं के लिए आपसे कहते आ रहे हैं पर '''''''''''''''''''''''''''''''''
साथियों कुछ तथाकथित फ़र्ज़ी और चाटुकार प्रव्रत्ति के लोग आज भी अपनी गंदी मानसिकता के तहत आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं उनके विषय में इतना ही कहूँगा कि भगवान निकट भविष्य में आपकी आत्मा को शान्ति दे क्यूँकि घर बैठकर facebook चलाने से बेहतर हमें लगता है हम कुछ काम करें कार्य का आंकलन आप कैसे करते हैं ये आपके ऊपर है फिर भी इतना तो ज़रूर कहूँगा कि किसी की फ़ैमिली के प्रति कुछ बोलने से पहले अपने संस्कारों के विषय में ज़रूर सोचें बहरहाल आपकी ये मानसिकता आपको भी उसी खेमे में खड़ा करती है जिसके विरुद्ध ये लड़ाई लड़ी जा रही है |
शेष समय मिलने पर
हर हर महादेव
आपका कार्यकर्ता
हिमांशु राणा
नोट :- नीचे चित्र में दिख रहे चार लोगों की जितनी भरसक आलोचना की जाए कम है क्यूँकि ये ही तो हैं चारों असली जड़-
ना शिक्षा मित्रों पर कुछ करते,
ना कोई ऐसी याचिका करते कि सबसे ज़्यादा नियुक्तियों के मार्ग को प्रशस्त किया जा सके,
ना इनकी याचिका पर सरकार हलफ़नामा लगाकर फँसती
वगरह वगरह
उपरोक्त किए गए कार्य पाप थे और ये हैं पापी
बाक़ी सभी ठीक हैं क्यूँकि कुछ किया नहीं तो उनके बारे में कुछ कह भी नहीं सकते ।
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