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१ तीर १५ निशाने : स्वच्छ धन वालों का सीना 56 इंच का, काले धन वाले रो रहे

१. काला धन
काले धन की समस्या एक झटके में समाप्त हुई | दीवारों, बेड, बोरियों में भरे भरे ही समस्त काला धन अपने आप ही रद्दी हो गया | कोई छापा नहीं मारना पड़ा | कोई पूछताछ नहीं हुई |

एक बार इतना तगड़ा झटका लगने के बाद भविष्य में भी दशकों तक लोग काला धन जमा करने की सोचेंगे भी नहीं |
२. सोने का कम आयात
भारत विश्व में सोने का सबसे बड़ा आयातक है | काले धन को छुपाने के लिए लोग सोना खरीदते थे | अब काला धन ही नहीं बचा तो सोने को खरीदने का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो जायेगा | सोने का आयात घटने से भारत के कुल आयात बिल में भारी कमी आएगी |
३. रूपये की कीमत में उछाल
आयात बिल घटने से विदेशी मुद्रा के विनिमय में रूपये की कीमत में जबर्दस्त उछाल आएगी |
४. सस्ते घर
काला धन खपाने का दूसरा बड़ा ठिकाना जमीन - जायदाद थी | अब काला धन ही नहीं बचा तो जमीन - जायदाद को खरीदने का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो जायेगा | अब लोग केवल अपने रहने के लिए ही घर खरीदेंगे | जिससे सभी को रहने को कम कीमत पर घर उपलब्ध होंगे |
५. काला बाजारी और जमाखोरी पर रोक
काला बाजारी और जमाखोरी के लिए साधारणतया काला धन ही उपयोग होता था | अब काला धन ही नहीं बचा तो लोग काला बाजारी और जमाखोरी के लिए धन कहाँ से लायेंगे ?
६. स्वच्छ धन की कीमत में बढ़ोतरी
काले धन वालों की खरीदने की क्षमता बहुत कम हो जाएगी | जिससे स्वच्छ धन वालों की खरीद क्षमता अपने आप बढ़ जाएगी |
काले धन की अनुपस्थिति में स्वच्छ तरीके से धन कमाने वालों के धन की कीमत अपने आप बढ़ गई है | काले धन के दम पर झूठी शान दिखाने वाले लोग अब अपने कुकर्मों को रो रहे होंगे |
७. महंगाई में भारी कमी
सस्ता सोना, सस्ता घर, मजबूत रूपये और काले धन वालों की घटी हुई खरीद क्षमता के चलते महंगाई में अपने आप भारी कमी आएगी |
इससे आयात की जाने वाली वस्तुएं जैसे पेट्रोल गैस आदि भी सस्ते होंगे | काला बाजारी और जमाखोरी खत्म होने से बाजार में भरपूर माल उपलब्ध होगा | जिससे महंगाई और घटेगी |
८. नकली नोटों की समस्या से निजात
नकली नोटों के अंतिम शिकार ज्यादातर गरीब लोग होते थे | आम लोग सब्जीवाले, रिक्शेवाले, पटरी वाले को नकली नोट थमा देते थे और वे बेचारे लुट जाते थे | उनके अलावा भी आम जनता भी इसकी शिकार थी |
अब नकली नोटों के सौदागर खुद ही बर्बाद हो गये | न जनता इन नोटों को लेगी और न ही बैंक |
९. आतंकी नेटवर्क का सत्यानाश
आतंक का सारा खेल ही काले धन और नकली नोटों पर चलता था | पाकिस्तान नकली नोटों की मोटी खेपें भारत की अर्थव्यवस्था की बर्बाद करने और आतंकियों की तनखा देने के लिए भेजता था |
अब आतंकियों के पास हथियार खरीदने के लिए भी धन नहीं होगा | क्योंकि जो काला और नकली धन उनके पास जमा है वो सब तक कूड़ा हो गया |
१०. हवाला कारोबार का दिवाला
लोगों के खरबों रूपये रोज इधर से उधर भेजने वाले हवाला कारोबारियों का अब बैठे बैठे दिवाला निकल गया | जो पुराने नोट लिए वो तो रद्दी हो गये | नये नोट कहाँ से डिलीवर करें ?
११. सट्टा बाजार का बैठा भट्टा
करोड़ों रूपये का सट्टा कारोबार करने वाले भी अब बर्बाद हो चुके हैं | जो लोग सट्टे में हारे वो पुराने नोट दे नहीं सकते और जो जीते वो पुराने नोट ले नहीं सकते |
१२. बिल से व्यापार
जब काला धन नहीं होगा तो दुकानदारों को बिल काट कर ही सामान बेचना पड़ेगा | साथ ही क्रेताओं को भी टैक्स चूका कर ही सामान खरीदना होगा |
१३. रिश्वत खोरी पर अंकुश
रिश्वत खोरों पर तो पुराने नोटों का बंद होना किसी अज़ाब की तरह टूटा है | करोड़ों के रद्दी नोट जो भरे पड़े हैं उन्हीं का कुछ निपटान हो तो आगे रिश्वत लेने की सोचेंगे |
१४. अधिक टैक्स एकत्रीकरण
अधिक टैक्स इकठ्ठा होने से देश की रक्षा और विकास जरूरतें तेजी से पूरी हो सकेंगी | महंगाई कम होने से सब्सिडी का बोझ भी कम होगा | यह सब धन देश के विकास और युवा शक्ति के उत्थान में लगेगा |
१५. स्वस्थ चुनाव
काले धन की अनुपलब्धता से चुनावों में बेतहाशा खर्च करना कम हो जाएगा | साथ ही गरीब वोटरों को पैसा और शराब से ललचाने का काम भी बंद होगा | स्वस्थ चुनाव से अच्छे उम्मीदवारों के जीतने की सम्भावना बढ़ेगी |
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