शिक्षामित्र प्रशिक्षण और टीईटी मुद्दे पर सुप्रीमकोर्ट की सुनवाई टली: जितेंद्र शाही की कलम से

मित्रों आज माननीय सुप्रीम कोर्ट में मान्नीय जस्टिस दीपक मिश्रा जी की बेंच में शिक्षामित्र प्रशिक्षण और टेट मुद्दे पर सुनवाई हुई। जिसकी सूचना अति व्यस्त होने के कारण नहीं दे पाए।
मित्रों प्रशिक्षण को लेकर जिस तरह से आज कुछ तथाकथित लोगों ने गतिरोध उत्पन्न किया है वह आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं, क्योंकि जब माननीय हाईकोर्ट में 12 सितंबर को हमारे समायोजन को रद्द किया गया और उसके बाद मन्नीय हाई कोर्ट इलाहाबाद में ही प्रशिक्षण की वैद्यता को चैलेंज किया गया तब माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद ने  हमारे वकील श्री पी एन मिश्रा जी की दलीलों के आधार पर अपने महत्वपूर्ण निर्णय में प्रशिक्षण को वैध करार दे दिया। साथ ही हमारे ही संगठन के प्रयासों से एनसीटीई द्वारा भी प्रशिक्षण को अनुमति देने का पत्र 26 अक्टूबर 2015 को जारी कराया गया। इसके बाद किसी भी विपक्षी की हिम्मत नहीं थी कि कोई प्रशिक्षण को मान्नीय सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर सकता था। यह याचिका किसी अपने ही के द्वारा केवल हम लोगों को गुमराह करके पैसा कमाने के उद्देश्य से ही डाली गई थी, क्योंकि विपक्षी यह यह हिम्मत कभी नहीं कर सकता था। क्योंकि वह जानता है कि प्रशिक्षण को माननीय हाईकोर्ट और एनसीटीई दोनों वैद्य मान चुके हैं।
मित्रों जैसा कि आप देख रहा हैं कि आज हमारे बीच में तरह-तरह की टीमें अपने निम्न स्तर के वकीलों के साथ खड़ी है। जो वकील आज तक कोई भी उचित निर्णय मान्नीय सुप्रीम कोर्ट से किसी भी मामले में नहीं दिला पाए हैं. ऐसे में उन वकीलों के नाम से इन टीमों द्वारा खूब रुपया बटोरा गया है. जिनसे हमें सावधान रहने की जरुरत है। जहां तक शिक्षा मित्रों को टेट की परीक्षा में बैठने की बात है तो उसमें हम कुछ नहीं कह सकते। क्योंकि हमारा उद्देश्य कल भी बिना टेट के समायोजन था, आज भी है और हमेशा रहेगा। बाकी जैसा आदेश माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा मिलेगा उसके अनुपालन में हम काम करेंगे।


इसी के साथ एक बार फिर आप लोगों से निवेदन करेंगे की ऐसी टीमों और ऐसे लोगों से बचें, जो धन उगाही के लालच में हमारे भविष्य को गर्त में डालने की कोशिश में लगे रहते हैं।

आपका,
जितेंद्र शाही,
विश्वनाथ सिंह कुशवाहा,

लेखक,
सय्यद जावेद मियाँ।
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