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अवैध है तो संशोधन 19 वाँ जो प्योर सपा गाज़ी के नियमो पे बना है

7 दिसम्बर 2015 के आदेश से दीपक मिश्रा जी ने जो टेट बनाम अकादमिक मेरिट की गहरी खाई थी उसको एक झटके में पाट कर लड़ाई का मूल उद्देश्य( नौकरी ) पे संघर्ष की पंक्ति को खड़ा कर दिया था।
इसके साथ ही इन एक वर्षो में 24 फ़रवरी, 26 अप्रैल, 9 मई, 27 जुलाई, 24 अगस्त, 5 ओक्टूबर एवं 17 नवंबर इन सात सुनवाई में हमारी आशाओ और विश्वाश को बल देते गए।
क्योंकि हमारी मांग सिर्फ एक थी।
लेकिन जबसे जूनियर का आदेश आया है तबसे टेट बनाम अकादमिक मेरिट की खाई फिर गहरा रही है। लोग फिर से संशोधन, ncte, नियमावली , जैसी बातों को लेकर एक दुसरे को निम्न साबित करने पर तुले है। जिसको मैं ठीक नहीं समझता। फिर से संघर्ष जे टुकड़े हो रहे है जो कहीं ना कहीं हमारी इतने वर्षों की मेहनत पे कुठाराघात हो सकता है।
जबकि यह समय एकजुट होकर अपनी रणनीति बदलने का है अर्थात शिक्षामित्रों जो 1,72,000 सीटों पर अवैध कब्जा किये हुए है। जो ना ही किसी नियम को पूरा करते है ना ही किसी विज्ञापन के तहत आए है। उनके खिलाफ लड़ने का है।
बाकी ना 12 अवैध है ना 15 ना 16 क्योंकि इन सभी संशोधनों के द्वारा भर्ती शिक्षक ncte की गाइड लाइन को पूरा करता। अवैध है तो संशोधन 19 वाँ जो प्योर सपा गाज़ी के नियमो पे बना है।
धन्यवाद।
अभय मिश्रा
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