आज शिमि समाज को 3 लोगो ने दुखी किया- प्राथमिक शिमि संघ
राज्य सरकार
न्यायपालिका
1-प्राथमिक शिमि संघ- संघ में केवल एकल सदस्य के रूप में पुनीत चौधरी जी पर विश्वास था जोकि आज टूटा।
चौधरी जी के कारण मैंने अपनी पोस्ट में पराग त्रिपाठी (अधिवक्ता) का नाम लिखा।
जिसको संघ द्वारा नही लाया गया और न ही संघ द्वारा समय रहते बताया गया अनुपस्थिति के संबंध में।
पराग त्रिपाठी की उपलब्धता के कारण मैंने संयुक्त सक्रिय टीम को कोसा जिसके लिए मै टीम के सदस्यों से क्षमा चाहता हूँ।
यदि 7 दिसम्बर का हिसाब ऑनलाइन न हुआ 17 नवम्बर की भांति तो थोड़ा बचा हुआ भरोसा खत्म ही समझो।
2-राज्य सरकार- 6 जुलाई को शिमि के संबंध में स्थगन आदेश और 7 दिसम्बर को राज्य के वकील का अनुपलब्ध रहना।
सरकारी वकील की मिलीभगत को उजागर करता है।
वह सभी संघ जो एक बड़ी संख्या का प्रतिनिधित्व करते है एक अदद वकील न ला सके।
शर्मनाक है ये मंजर,और चुल्लू भर पानी में डूब मरने लायक भी।
इस तमाशेबाजी से अवशेष शिमि डिप्रेसन में जा रहा है।
जिसको लेकर कोई मजबूत रणनीति किसी के पास नही है।
3-न्याय पालिका- न्याय पालिका स्वयं असमंजस में है कि करे क्या
12,15 ,16 बेसिक शिक्षा नियमावली संशोधन विचाराधीन।
16 क ख़ारिज, आर्टिकल 21 a की बाध्यता।
छात्रों को बेहतर परिवेश और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दबाव।
राज्य अपनी मनमानी पर उतारू।
Rte एक्ट के लागू होने के बाद ncte के अलग- अलग नोटिफिकेशन।
संक्षेप में- आज राज्य से बेहतर तालमेल न होने के कारण शिमि का पैसा बर्बाद हुआ और अवशेष को लेकर एक और नकारात्मक दिवस।
सब अपनी पीठ थपथायेंगे देखते है सच को स्वीकारने को साहस कोई पैरवीकार करते है।
या फिर केवल प्रोपोगंडा करेंगे।
फिर मिलते है
(जो सहमत है केवल फेसबुक शेयर तक न रखे इस हकीकत को जमीन तक पहुंचाए)
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
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जिसको संघ द्वारा नही लाया गया और न ही संघ द्वारा समय रहते बताया गया अनुपस्थिति के संबंध में।
पराग त्रिपाठी की उपलब्धता के कारण मैंने संयुक्त सक्रिय टीम को कोसा जिसके लिए मै टीम के सदस्यों से क्षमा चाहता हूँ।
यदि 7 दिसम्बर का हिसाब ऑनलाइन न हुआ 17 नवम्बर की भांति तो थोड़ा बचा हुआ भरोसा खत्म ही समझो।
2-राज्य सरकार- 6 जुलाई को शिमि के संबंध में स्थगन आदेश और 7 दिसम्बर को राज्य के वकील का अनुपलब्ध रहना।
सरकारी वकील की मिलीभगत को उजागर करता है।
वह सभी संघ जो एक बड़ी संख्या का प्रतिनिधित्व करते है एक अदद वकील न ला सके।
शर्मनाक है ये मंजर,और चुल्लू भर पानी में डूब मरने लायक भी।
इस तमाशेबाजी से अवशेष शिमि डिप्रेसन में जा रहा है।
जिसको लेकर कोई मजबूत रणनीति किसी के पास नही है।
3-न्याय पालिका- न्याय पालिका स्वयं असमंजस में है कि करे क्या
12,15 ,16 बेसिक शिक्षा नियमावली संशोधन विचाराधीन।
16 क ख़ारिज, आर्टिकल 21 a की बाध्यता।
छात्रों को बेहतर परिवेश और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दबाव।
राज्य अपनी मनमानी पर उतारू।
Rte एक्ट के लागू होने के बाद ncte के अलग- अलग नोटिफिकेशन।
संक्षेप में- आज राज्य से बेहतर तालमेल न होने के कारण शिमि का पैसा बर्बाद हुआ और अवशेष को लेकर एक और नकारात्मक दिवस।
सब अपनी पीठ थपथायेंगे देखते है सच को स्वीकारने को साहस कोई पैरवीकार करते है।
या फिर केवल प्रोपोगंडा करेंगे।
फिर मिलते है
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