इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग कुछ भी मानने एवं करने को तैयार ही नहीं है। एक जैसी गलतियां वह बार-बार कर रहा है और उसे खामियां बताई भी जा रही हैं, पर उसकी कार्यशैली में रत्तीभर बदलाव नहीं हो सका है।
सवाल बदलने का आदेश दिया है। इससे सैकड़ों छात्र प्रभावित हो रहे हैं और हजारों की उम्मीदें आयोग से टूट रही हैं। 1पिछले पांच साल में आयोग को अपनी दो बड़ी भर्ती परीक्षाओं का पूरा परिणाम हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बदलना पड़ गया है। अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कोई ऐसी परीक्षा नहीं रही, जिसमें आयोग गलत सवाल या उसके जवाब को लेकर घिरा न हो।1संशोधित उत्तर कुंजी तक गलत : आयोग की पीसीएस हो या पीसीएस जे, समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी हो या सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा सामान्य चयन परीक्षा हो, लगभग हर बड़ी परीक्षा प्रतियोगियों के दखल के बाद सवालों के घेरे में आई है। कभी संशोधित उत्तर कुंजी जारी करके आयोग को खुद ही कई सवालों के जवाब बदलने पड़े या कभी उत्तर कुंजी में ही गलत जवाब शामिल हो गए। कई बार तो ऐसा भी हुआ, जब आयोग की इस कार्यशैली को लेकर प्रतियोगियों ने सड़क पर उतरकर हंगामा किया। मामला हाईकोर्ट की चौखट तक गया तो कोर्ट की दखल पर बार बार उत्तर बदलने पड़े। 1दो-चार नहीं बदले 14 सवाल : आयोग को पीसीएस जे 2013 की परीक्षा में 14 प्रश्नों के उत्तर बदलने पड़े। समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी 2013 परीक्षा में न्यायालय ने आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष को तलब किया था, जिसके बाद आयोग ने उत्तर कुंजी जारी किए जाने के अपने प्रस्ताव को ही छिपा लिया था। छात्रों के हाथ उत्तर कुंजी जारी किए जाने का प्रस्ताव लगा तो पीसीएस 2015 में न्यायालय के माध्यम से उत्तर कुंजी जारी करवाई जा सकी। इसमें पता चला कि आयोग ने नौ प्रश्नों का गलत उत्तर दिया था, छात्रों ने गलत उत्तर के मामले में पीसीएस 2015 को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी। 1यह भी सही और वह भी सही : कंबाइंड लोअर सबआर्डिनेट 2015 प्री परीक्षा परिणाम को रद करने के लिए भी कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। छात्रों का कहना था कि लोअर 2015 की संशोधित उत्तर कुंजी में पांच सवाल हटा दिए गए हैं, जबकि चार सवालों के दो उत्तर सही माने गए। इनमें से आठ प्रश्नों के उत्तर का स्पष्ट प्रमाण प्रमाणिक पुस्तकों में है। 1सीबीआइ जांच का आधार और मजबूत हुआ : पीसीएस प्री परीक्षा 2016 को चुनौती देने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश पाण्डेय का कहना है कि एक बार फिर प्रतियोगी जीते हैं और आयोग को हारना पड़ा है। एक के बाद एक कई परीक्षाओं में गलत प्रश्न पूछने और कई जवाब होने के मामले मौजूद हैं ऐसे में अब आयोग की सीबीआइ जांच कराने का आधार और मजबूत हुआ है। जल्द ही सभी मामलों को इकट्ठा करके जनहित याचिका भी दायर करने की तैयारी है।
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सवाल बदलने का आदेश दिया है। इससे सैकड़ों छात्र प्रभावित हो रहे हैं और हजारों की उम्मीदें आयोग से टूट रही हैं। 1पिछले पांच साल में आयोग को अपनी दो बड़ी भर्ती परीक्षाओं का पूरा परिणाम हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बदलना पड़ गया है। अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कोई ऐसी परीक्षा नहीं रही, जिसमें आयोग गलत सवाल या उसके जवाब को लेकर घिरा न हो।1संशोधित उत्तर कुंजी तक गलत : आयोग की पीसीएस हो या पीसीएस जे, समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी हो या सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा सामान्य चयन परीक्षा हो, लगभग हर बड़ी परीक्षा प्रतियोगियों के दखल के बाद सवालों के घेरे में आई है। कभी संशोधित उत्तर कुंजी जारी करके आयोग को खुद ही कई सवालों के जवाब बदलने पड़े या कभी उत्तर कुंजी में ही गलत जवाब शामिल हो गए। कई बार तो ऐसा भी हुआ, जब आयोग की इस कार्यशैली को लेकर प्रतियोगियों ने सड़क पर उतरकर हंगामा किया। मामला हाईकोर्ट की चौखट तक गया तो कोर्ट की दखल पर बार बार उत्तर बदलने पड़े। 1दो-चार नहीं बदले 14 सवाल : आयोग को पीसीएस जे 2013 की परीक्षा में 14 प्रश्नों के उत्तर बदलने पड़े। समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी 2013 परीक्षा में न्यायालय ने आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष को तलब किया था, जिसके बाद आयोग ने उत्तर कुंजी जारी किए जाने के अपने प्रस्ताव को ही छिपा लिया था। छात्रों के हाथ उत्तर कुंजी जारी किए जाने का प्रस्ताव लगा तो पीसीएस 2015 में न्यायालय के माध्यम से उत्तर कुंजी जारी करवाई जा सकी। इसमें पता चला कि आयोग ने नौ प्रश्नों का गलत उत्तर दिया था, छात्रों ने गलत उत्तर के मामले में पीसीएस 2015 को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी। 1यह भी सही और वह भी सही : कंबाइंड लोअर सबआर्डिनेट 2015 प्री परीक्षा परिणाम को रद करने के लिए भी कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। छात्रों का कहना था कि लोअर 2015 की संशोधित उत्तर कुंजी में पांच सवाल हटा दिए गए हैं, जबकि चार सवालों के दो उत्तर सही माने गए। इनमें से आठ प्रश्नों के उत्तर का स्पष्ट प्रमाण प्रमाणिक पुस्तकों में है। 1सीबीआइ जांच का आधार और मजबूत हुआ : पीसीएस प्री परीक्षा 2016 को चुनौती देने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश पाण्डेय का कहना है कि एक बार फिर प्रतियोगी जीते हैं और आयोग को हारना पड़ा है। एक के बाद एक कई परीक्षाओं में गलत प्रश्न पूछने और कई जवाब होने के मामले मौजूद हैं ऐसे में अब आयोग की सीबीआइ जांच कराने का आधार और मजबूत हुआ है। जल्द ही सभी मामलों को इकट्ठा करके जनहित याचिका भी दायर करने की तैयारी है।
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