टीजीटी : नये सिरे से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में

 इलाहाबाद : पहले 12 मई, फिर 29 अगस्त और अंत में 30 दिसंबर, 2016 को शारीरिक शिक्षा के स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) की संशोधित उत्तरकुंजी जारी हुई है, लेकिन इसके बाद भी सवालों के उत्तर नहीं बदले जा सके।
ताजा रिजल्ट पर जब प्रतियोगियों ने सवाल खड़े किए तो माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने अब उत्तरकुंजी बदलने से मना कर दिया है। इसी तरह से संस्कृत विषय की भी दो आंसर शीट जारी हो चुकी हैं,
लेकिन सवालों का उत्तर नहीं बदला गया है।
चयन बोर्ड में वैसे तो 2013 के प्रवक्ता के बाद अब टीजीटी के रिजल्ट जारी हो रहे हैं, लेकिन जो परिणाम पहले जारी हो चुके हैं वह अब तक सवालों के घेरे में है। टीजीटी शारीरिक शिक्षा का परिणाम आने के बाद 2015 में ही आंसर शीट जारी हुई। इसके कई सवालों के उत्तर से अभ्यर्थी सहमत नहीं है। बुकलेट सीरीज बी का प्रश्न संख्या 43 में राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड की नकद पुरस्कार राशि क्या है। इसका सही उत्तर साढ़े सात लाख रुपये है, लेकिन चयन बोर्ड पांच लाख रुपये ही मान रहा है। इसी तरह प्रश्न संख्या 44 में हॉकी का खेल खेलने की कुल समयावधि 74 मिनट है, लेकिन चयन बोर्ड इसे 75 मिनट मान रहा है। प्रश्न संख्या 18 में बॉस्केट बॉल का भार 625 ग्राम सही उत्तर है, लेकिन चयन बोर्ड उसे 624 ग्राम ही मान रहा है। ऐसे ही प्रश्न संख्या 47 में सीखना कौन सी प्रक्रिया है सही उत्तर व्यावहारिक प्रक्रिया है, लेकिन आयोग इसे मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया मान रहा है। प्रश्न संख्या 66 में हॉकी स्टिक का वजट 28 औंस होता है, लेकिन चयन बोर्ड 26 औंस ही मान रहा है। प्रतियोगियों का कहना है कि इन सवालों का उत्तर बदलने के लिए आपत्तियां दी थी, लेकिन चयन बोर्ड ने उन्हें न बदलकर अन्य सवालों के उत्तरों में हेरफेर किया है। टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा के रिंकू सिंह ने सोमवार को चयन बोर्ड अध्यक्ष को फिर से परिणाम की गल्तियों की ओर इंगित कराया है। चयन बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि तीन विशेषज्ञों की राय लेकर इस बार उत्तर कुंजी जारी की गई है, अब इसमें कोई संशोधन नहीं होगा। प्रतियोगी नये सिरे से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं, प्रतियोगियों का कहना है कि इतने प्रश्नों से कई अभ्यर्थी प्रभावित हो सकते हैं।

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