हिमाचल प्रदेश के संविदा शिक्षकों का मामला , सुप्रीम कोर्ट ने नियमितीकरण को रोका , हिमाचल में शिक्षकों की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को भविष्य में शिक्षकों की भर्ती कमीशन के माध्यम से करने को कहा है।
साथ ही आदेश दिए कि सरकार भविष्य में आरएंडपी नियमों को पूरा कर कमीशन के माध्यम से ही भर्तियां करे। सुप्रीम कोर्ट ने पंकज कुमार बनाम स्टेट केस में दायर एसएलपी को भी रिट पिटीशन में बदल दिया है। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में प्राथमिकता के आधार पर होगी। पंकज कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण कर रहे हैं।
प्रदेश में करीब 13 हजार पैट, पीटीए और पैरा अध्यापकों के भविष्य पर संकट
कांग्रेस सरकार के पूर्व कार्यकाल में पीटीए शिक्षकों की हिमाचल में नियुक्तियां र्हुइं थीं। सरकार बदलने के बाद भर्तियों के इन मामलों पर जांच बैठाई गई। इस मामले में करीब एक हजार पीटीए शिक्षकों की नौकरी भी चली गई थी। कांग्रेस सरकार ने दोबारा सत्ता में आने पर पीटीए शिक्षकों को बहाल किया था।
इन शिक्षकों को अनुबंध पर लाकर नियमित करने की नीति भी तैयार की गई, लेकिन मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। बीते दो साल से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। बता दें प्रदेश में करीब 13 हजार पैट, पीटीए और पैरा अध्यापक हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आने के बाद इन शिक्षकों के भविष्य पर भी संकट खड़ा हो गया।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को भविष्य में शिक्षकों की भर्ती कमीशन के माध्यम से करने को कहा है।
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साथ ही आदेश दिए कि सरकार भविष्य में आरएंडपी नियमों को पूरा कर कमीशन के माध्यम से ही भर्तियां करे। सुप्रीम कोर्ट ने पंकज कुमार बनाम स्टेट केस में दायर एसएलपी को भी रिट पिटीशन में बदल दिया है। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में प्राथमिकता के आधार पर होगी। पंकज कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण कर रहे हैं।
प्रदेश में करीब 13 हजार पैट, पीटीए और पैरा अध्यापकों के भविष्य पर संकट
कांग्रेस सरकार के पूर्व कार्यकाल में पीटीए शिक्षकों की हिमाचल में नियुक्तियां र्हुइं थीं। सरकार बदलने के बाद भर्तियों के इन मामलों पर जांच बैठाई गई। इस मामले में करीब एक हजार पीटीए शिक्षकों की नौकरी भी चली गई थी। कांग्रेस सरकार ने दोबारा सत्ता में आने पर पीटीए शिक्षकों को बहाल किया था।
इन शिक्षकों को अनुबंध पर लाकर नियमित करने की नीति भी तैयार की गई, लेकिन मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। बीते दो साल से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। बता दें प्रदेश में करीब 13 हजार पैट, पीटीए और पैरा अध्यापक हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आने के बाद इन शिक्षकों के भविष्य पर भी संकट खड़ा हो गया।
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