राजस्व निरीक्षकों की बंद होगी सीधी भर्ती: लेखपालों, संग्रह व भूमि अध्याप्ति अमीनों के प्रमोशन से भरेंगे पद

राजस्व निरीक्षकों की सीधी भर्ती बंद होगी। राजस्व निरीक्षकों की सीधी भर्ती के पद अब लेखपालों, संग्रह अमीनों और भूमि अध्याप्ति अमीनों की पदोन्नति से अनुपातिक आधार पर भरे जाएंगे। इसके लिए राजस्व विभाग नियमावली में संशोधन करेगा।
प्रदेश में राजस्व निरीक्षकों के 4200 और लेखपालों के 30,837 पद हैं। राजस्व निरीक्षकों की सेवा नियमावली 2014 में बनी थी। नियमावली में व्यवस्था की गई थी कि राजस्व निरीक्षकों के 25 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरे जाएंगे और शेष 75 फीसद पदोन्नति से। पदोन्नति के 75 फीसद पदों में से 55 प्रतिशत पर लेखपाल, 18 फीसद पर संग्रह अमीन और दो प्रतिशत पर भूमि अध्याप्ति अमीन प्रमोट किए जाते हैं। 1उधर, लेखपाल संवर्ग का कहना था कि 35-36 साल की सेवा के बाद भी लेखपाल एक अदद प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं। उप्र लेखपाल संघ के मुताबिक वर्ष 1980 और 1981 में सेवा में आए लेखपाल अभी उसी पद पर काम कर रहे हैं। कई तो बिना प्रमोशन पाए लेखपाल के ही पद से रिटायर हो गए। लेखपालों की मांग थी कि राजस्व निरीक्षकों के 25 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती समाप्त की जाए जिससे कि उनके प्रमोशन की राह खुले। अपनी मांगों को लेकर लेखपालों ने पिछले साल हड़ताल भी की थी।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ लेखपाल संघ के प्रतिनिधियों की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था और शासन ने लेखपालों की मांगों को जायज ठहराते हुए सहमति जताई थी। इस बारे में राजस्व परिषद ने शासन को प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव में कहा गया है कि राजस्व निरीक्षकों के सीधी भर्ती के पदों को प्रोन्नति कोटे में तब्दील करते हुए उन्हें अब लेखपालों, संग्रह अमीनों और भूमि अध्याप्ति अमीनों के पदों की संख्या के हिसाब से इन संवर्गों की पदोन्नति से अनुपातिक आधार पर भरा जाएगा। विधानसभा चुनाव के कारण इस मामले में गाड़ी आगे नहीं बढ़ पायी थी। हाल ही में राजस्व विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से हरी झंडी दिखाये जाने के बाद अब नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी।

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