UPTET 72825 की रिक्त सीट्स को नए फ्रेश विज्ञापन से भरने की स्वतन्त्रता सरकार को दी गयी है , वो भी According to Law

मूर्खों के गाँव नहीं बसते ,,,,,,72825 की रिक्त सीट्स को fresh advertisement से भरने की स्वतन्त्रता सरकार को दी गयी है , वो भी According to Law.....

लूट की नयी दुकान खोलने वाले इतने बड़े वाले नादान हैं कि भाजपा की सरकार से सपा की सरकार के उस विज्ञापन की बहाली की माँग कर रहे हैं जिसके72825 में से 66,550 पद बसपा सरकार के विज्ञापन के फार्मों से और सुप्रीमकोर्ट के 105/97(90) वाले आर्डर एवं उसके संरक्षण में भरे जा चुके हैं ,,,,,,, यदि बीएड वालों को जॉब के लिए प्रयास करना ही है तो 72825 की रिक्त सीट्स में और सीट्स जुड़वाकर नया केसरिया विज्ञापन निकलवाने की माँग करें ,,,,,यह माँग करते समय चयन प्रक्रिया को लेकर आपस में सर फुटौव्वल ना करें क्योंकि चयन प्रक्रिया निर्धारित करना सरकार का अधिकार मान लिया गया है इसलिए उसी को निर्णय लेने दें ....
रही बात रिव्यू और उपचारात्मक याचिका की तो रिव्यू का गोयल साहब क्या हश्र करेंगे यह कोई गदहा भी समझ सकता है ,,,, उपचारात्मक याचिका मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद दीपक मिश्रा जी के पास जायेगी जिनके फैलाए रायते को गोयल साहब ने समेटने के लिए अपनी प्रतिष्ठा दाँव पर लगा दी है ..... अब जो भी लोग कोर्ट के माध्यम से बीएड वालों को जॉब दिलाने की बात कर रहे हैं वो सिर्फ चंदे की दुकान ही सजा रहे हैं .......
आर्डर को ध्यान से देखिये तो समझ जायेंगे कि सब कुछ सरकार के हाथ में छोड़ दिया गया है इसलिए जो माँगना हो सरकार से माँगिये और माँगते समय यह ध्यान रखिये कि आपको क्या देना सरकार के लिए विधिक एवं व्यवहारिक रूप से संभव है क्योंकि सब कुछ सरकार के हाथों में सौंपते हुए कोर्ट ने According to Law का पुछिल्ला भी चिपका दिया है ......
 Post by: Shalabh Tiwari‎


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