आरयू ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश भर के हजारों बीएड टीईटी वाले अभ्यार्थियों ने आज विधान भवन के सामने स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में पहुंचे महिला-पुरुष अभ्यार्थियों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की।
प्रदर्शन करने वाले का कहना था कि योगी जी अब न्याय करों नौकरी दो या फांसी दो।
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों ने प्रदर्शन करने वालों को लाठी से पीटकर खदेड़ दिया। लाठीचार्ज में दर्जनों अभ्यार्थियों को चोंटें आई हैं। वहीं भागने के चक्कर में भी गिरकर चोटिल हो गए। वहीं भीषण गर्मी के बीच प्रदर्शन कर रही कुछ महिला अभ्यार्थी गर्मी के चलते बेहोश हो गई। पुलिस के इस रवैयये से प्रदर्शन करने वालों में जबरदस्त गुस्सा देखा गया।
गोरखपुर से पहुंचे महेश कुमार ने बताया कि 25 जुलाई को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हम लोग नौकरी और नियुक्ति पत्र की मांग करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आए थे, लेकिन हम लोगों की दिक्कत को समझने की जगह हमारी पिटाई कर दी गई। जो सरासर गलत है।
वहीं बलिया से आए रणविजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार को चाहिए कि 7 दिसंबर 2012 के विज्ञापन पर लंबित भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जाए, ताकि हम लोगों का समय और भविष्य बर्बाद होने से बच जाए। जबकि छह साल के संघर्ष के दौरान हम लोग पहले ही अपने कई साथियों को खो चुके है।
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प्रदर्शन करने वाले का कहना था कि योगी जी अब न्याय करों नौकरी दो या फांसी दो।
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों ने प्रदर्शन करने वालों को लाठी से पीटकर खदेड़ दिया। लाठीचार्ज में दर्जनों अभ्यार्थियों को चोंटें आई हैं। वहीं भागने के चक्कर में भी गिरकर चोटिल हो गए। वहीं भीषण गर्मी के बीच प्रदर्शन कर रही कुछ महिला अभ्यार्थी गर्मी के चलते बेहोश हो गई। पुलिस के इस रवैयये से प्रदर्शन करने वालों में जबरदस्त गुस्सा देखा गया।
गोरखपुर से पहुंचे महेश कुमार ने बताया कि 25 जुलाई को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हम लोग नौकरी और नियुक्ति पत्र की मांग करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आए थे, लेकिन हम लोगों की दिक्कत को समझने की जगह हमारी पिटाई कर दी गई। जो सरासर गलत है।
वहीं बलिया से आए रणविजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार को चाहिए कि 7 दिसंबर 2012 के विज्ञापन पर लंबित भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जाए, ताकि हम लोगों का समय और भविष्य बर्बाद होने से बच जाए। जबकि छह साल के संघर्ष के दौरान हम लोग पहले ही अपने कई साथियों को खो चुके है।
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