कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु : 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती : मयंक तिवारी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

आप सभी को जानकारी है कि 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का प्रारम्भ विज्ञापन 30/11/11 के माध्यम से मायावती सरकार में हुआ। यह भर्ती बीएड/टेट पास अभ्यर्थियों के लिए जूनियर बेसिक (PRT) में सम्मलित होने का एक अंतिम मौका था।
पद सीमित थे तो संघर्ष सुरु हुआ कि ऐन केन प्रकारेण इन्ही पदों में अपना स्थान सुनिश्चित करने का।

चूँकि विज्ञापन टेट मेरिट चयन आधार को लेकर था इसलिए जिसका चयन टी ई टी अंक के आधार पर नही हो रहा था उसने इसके विरुद्ध तथा जिनका चयन टी ई टी अंक से हो सकता था उन्होंने इसके समर्थन में अपना संघर्ष प्रारम्भ किया।

सरकार के बदलने के बाद हमने सामूहिक लड़ाई लड़कर सबसे पहले टेट एग्जाम को बचाया इसके बाद हाइकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक तथा समय-समय पर ज़मीनी आंदोलन के माध्यम से टेट मेरिट को स्थापित किया और आज 50,000से अधिक योग्य साथी बेसिक विद्यालयों कार्यरत है। (जिसमे फर्जी अभ्यर्थी भी है वह निश्चिन्त रहें अंततः आप भी शिक्षामित्रों की भांति विभाग में हमेशा के लिए नही रहेंगे।)

चूँकि इस विज्ञापन में पद निश्चित है किन्तु NCTE द्वारा देश में स्थापित RTE एक्ट 2009 के अनुसार सभी प्रदेशों में 6से 14वर्ष तक के बच्चों हेतु अनिवार्य रूप से लागु "सर्व शिक्षा अभियान" के अंतर्गत 'निःशुल्क व् अनिवार्य बाल शिक्षा' तथा शिक्षक-छात्र अनुपात के मानक को पूरा करने हेतु लाखों रिक्त पद व् शिक्षकों की नियुक्ति हेतु निर्धारित न्यूनतम योग्यता ये कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिन्दु है जो हमें सहयोग करते है कि हम 72,82 5की सीमा में वृद्धि करा सकें।


इन्ही सब को आधार बनाते हुए हमने इलाहाबाद हाइकोर्ट में मुख्य न्यायधीश डी बाई चंद्रचूर्ण जी की कोर्ट में 26अप्रैल को एक जनहित याचिका फ़ाइल की। जिसमे 3पिटिसनर है। पहला मैं (मयंक तिवारी) जो बीएड/टेट पास है और चाहता है कि नवम्बर 2016 की समाप्ति से पहले प्रदेश में रिक्त सभी पद योग्य अभ्यर्थियों से भरे जाएँ। दूसरा एक NGO (सदाचार फाउंडेसन) है, जो चाहता कि प्राथमिक विद्यालयों में गुणवत्ता परक शिक्षा हेतु योग्य और मानक को पूरा करने वाले शिक्षक ही नियुक्त हों। तथा तीसरा एक अभिवावक है जो चाहता है कि मेरे बच्चे की शिक्षा हेतु विद्यालय में योग्य शिक्षक ही आएं। जिस WPIL की ड्राफ्टिंग 20/11/2013 में टेट मेरिट का आदेश देने वाले न्यायधीश माननीय अशोक भूषण जी के बेटे आदर्श भूषण जी ने की तथा जिसमे सहयोग हमारे दिल्ली के एडवोकेट मेहुल एम् गुप्ता जी ने किया था कोर्ट रूम में सीनियर एडवोकेट अनिल भूषण जी उपस्तिथ रहे।

मुख्य न्यायधीश के सुप्रीम कोर्ट में जज बन जाने के बाद यह याचिका माननीय न्यायधीश दिलीप गुप्ता जी (12सितम्बर को शिक्षामित्र समायोजन रद्द होने वाले आदेश की पीठ में सामिल जज) व् न्यायधीश आर एन कक्कड़ जी की कोर्ट में ट्रांसफर हो गयी। जिस पर 24मई को सुनवाई हुई जिसका आदेश आप सभी के समक्ष है।
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दोस्तों, 24फरबरी के बाद 27जुलाई तक आप सभी सिर्फ इंतज़ार ही कर रहे है याची बनाने वाले अधिकतर आपके खेवनहार भी ऐसा ही कुछ कर रहे है किन्तु सिर्फ हम प्रयासरत है और हर सम्भव रास्तों पर चल रहे है ताकि उस कठिन लक्ष्य को प्राप्त किया जाये जो आज हमारे लिए रोजगार से अधिक हमारे सम्मान की बात हो गयी है।

यहाँ मेरा निवेदन उन समस्त पैरवीकर्ताओं से है जिन्होंने याची बनाया है कि वह भी अपनी जिम्मेदारी समझें और अपना बेहतर प्रयास करें। मैं यह नही कहूँगा कि मेरे ही प्रयास से सब कुछ होगा किन्तु मेरे प्रयास से आप सभी पैरवी कर्ताओं को सहयोग अवश्य मिलेगा।

अंत में सिर्फ इतना ही.........,
"मैं उठाना चाहता हूँ,
दौड़ना चाहता हूँ,
गिरना भी चाहता हूँ,
बस रुकना नही चाहता।"
आप सभी के उज्जवल भविष्य हेतु 2011 से अनवरत संघर्षरत
आपका मयंक तिवारी
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